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हाइलाइट्स
- जबलपुर में रिश्वत लेते डिप्टी रेंजर रंगे हाथों गिरफ्तार।
- लोकायुक्त की टीम ने 5 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।
- लकड़ी के काम के एवज में कारपेंटर से मांगी रिश्वत।
Jabalpur Bribery Case Deputy Ranger Arrested Lokayukta action: मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। इसके बावजूद कई अधिकारी और कर्मचारी रिश्वतखोरी से बाज नहीं आ रहे हैं। सरकारी कार्यालयों में रिश्वत और कमीशन का खेल जारी है। अब जबलपुर से घूसखोरी का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। अब लोकायुक्त की टीम ने वन विभाग में पदस्थ डिप्टी रेंजर को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह डिप्टी रेंजर पाटन के फर्नीचर दुकानदारों से महीने की वसूली करता था। बड़ी बात यह है कि डीएफओ ने इस अधिकारी को 7 माह पहले अवैध रूप से लकड़ी बेचने के मामले में सस्पेंड करते हुए पाटन में अटैच किया था।
रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया वनपाल
जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने पाटन तहसील में पदस्थ डिप्टी रेंजर (वनपाल) ढेलन सिंह यादव को ₹5,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी, स्थानीय कारपेंटर शकील मोहम्मद से हर महीने ₹3,000 लेता था। इस बार उसने रिश्वत की रकम बढ़ाकर ₹5,000 कर दी और कहा कि "महंगाई बढ़ गई है, अब रेट भी बढ़ाना पड़ेगा।"
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धमकी देकर हर महीने अवैध वसूली
दरअसल, पाटन निवासी कारपेंटर शकील को अपना लकड़ी का काम जारी रखने वनपाल को हर महीने घूस देना पड़ता था। आरोपी अधिकारी कारपेंटर से क्षेत्र में लकड़ी का काम बेरोक टोक करने के एवज में पैसों की डिमांड करता था। साथ ही कई लोग कार्रवाई के डर से पैसा देते थे। इस बीच जब शकील ने पैसे बढ़ाने से इनकार किया, तो वनपाल ने उसे धमकी दी कि बिना पैसे दिए क्षेत्र में लकड़ी का काम नहीं करने दिया जाएगा। शकील ने कई बार अधिकारी के घर और दफ्तर के चक्कर काटे, लेकिन उसे हर बार धमकाया गया।
लोकायुक्त के शिकंजे में फंसा वनपाल
आखिरकार परेशान होकर शकील ने जबलपुर लोकायुक्त एसपी से शिकायत की। जांच में आरोप सही पाए गए। गुरुवार शाम शकील की कॉल पर आरोपी ने उसे घर बुलाया और चाय पर बैठने का बहाना बनाया। जैसे ही शकील ने पैसे दिए, लोकायुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर वनपाल ढेलन सिंह यादव को रंगे हाथों पकड़ लिया। कार्रवाई के दौरान आरोपी अधिकारी ने खुद को बेगुनाह बताने काफी कोशिश की लेकिन लोकायुक्त की टीम ने कोई राहत नहीं दी।
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पैसा नहीं देने पर कार्रवाई की धमकी
शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त को बताया कि वनपाल यादव पाटन क्षेत्र की लगभग सभी फर्नीचर दुकानों से हर महीने ₹3,000 से ₹5,000 रिश्वत वसूलता था। इतना ही नहीं, वाहनों से भी वसूली की जाती थी। जो दुकानदार पैसा नहीं देते थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी जाती थी।
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7 महीने पहले डीएफओ ने किया था सस्पेंड
जानकारी के अनुसार, 7 महीने पहले जब पनवाल ढेलन सिंह सिहोरा में पदस्थ था, तब उस पर सरकारी लकड़ी को अवैध रूप से बेचने का आरोप लगा था। शिकायत सही पाई गई और डीएफओ ने निलंबित कर पाटन अटैच किया गया था। अब एक बार फिर रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद डीएफओ ने सख्त कार्रवाई की बात कही है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अनिधियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
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