Jabalpur Green Corridor: 31 साल के ब्रेन डेड मरीज सत्येंद्र यादव के अंगों से गुरुवार को दो लोगों को नई जिंदगी मिलेगी। इसके लिए 7 अगस्त को जबलपुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल से डुमना एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।
ब्रेन डेट मरीज सत्येंद्र यादव का हार्ट अहमदाबाद और लिवर भोपाल फ्लाइट से भेजा गया। एक किडनी जबलपुर में ही जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट की जाएगी। जबकि दूसरी किडनी सुरक्षित रखी गई है।
ग्रीन कोरिडोर से दिल-लिवर एयरपोर्ट पहुंचा
गुरुवार सुबह दिल, लिवर को निकालने से लेकर गंतव्य तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हुई। 4 डॉक्टरों की टीम ने दो घंटे के ऑपरेशन के बाद मरीज के अंगों को सुरक्षित निकाला और उसके बाद फिर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एयरपोर्ट पहुंचाया।
ब्रेन डेट मरीज सत्येंद्र यादव का हार्ट अहमदाबाद और लिवर भोपाल फ्लाइट से भेजा गया। एक किडनी जबलपुर में ही जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट की जाएगी। जबकि दूसरी किडनी इमरजेंसी के लिए सुरक्षित रखी गई है।
डॉक्टरों के प्रयास से मरीज के परिजन हुए राजी
सिवनी के रहने वाले सत्येंद्र यादव का ब्रेन डेड हो गया था। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मरीज के परिजनों से अंग दान को लेकर बात की तो वो राजी हो गए। जिसके बाद डॉक्टर की टीम ने अंगदान की प्रक्रिया पूरी की। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना ने बताया कि अंगदान करने वाले मरीज सत्येंद्र यादव का हार्ट, लिवर और किडनी दान किए गए हैं।
एक किडनी सुरक्षित रखी
मरीज का दिल अहमदाबाद में एक हार्ट के मरीज के लिए भेजा गया है। जहां उसकी जान बचाई जा सकेगी। वहीं लिवर भोपाल पहुंचा है। सत्येंद्र की एक किडनी जबलपुर में ही किसी जरूरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट की जाएगी, जबकि दूसरी किडनी को भी सुरक्षित रखा गया है।
फ्लाइट लेट देरी से अहमदाबाद पहुंचा दिल
ग्रीन कॉरिडोर को लेकर पुलिस-प्रशासन ने तैयारी पहले से कर ली थी। सुबह करीब 11 बजे ग्रीन कॉरिडोर बनना था, लेकिन अहमदाबाद से फ्लाइट लेट होने के कारण शाम चार बजे हार्ट गुजरात भेजा गया। वहीं 4 बजकर 20 मिनट पर लिवर भोपाल रवाना किया गया।
अस्पताल से लेकर डुमना एयरपोर्ट तक बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर
ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन की मदद से शाम को मेडिकल अस्पताल से डुमना एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इस कॉरिडोर के जरिए एम्बुलेंस को नॉनस्टॉप एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया, इसके बाद अंगों को तुरंत फ्लाइट से भेजा जा सके।
हॉस्पिटल से 30 मिनट में एयरपोर्ट पहुंचे अंग
लिवर लेने के लिए भोपाल से डॉक्टरों की टीम सुबह साढ़े दस बजे मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल जबलपुर पहुंच गई थी, पर अहमदाबाद से जबलपुर की फ्लाइट लेट होने के कारण पूरी प्रक्रिया में देरी हुई। एम्बुलेंस के द्वारा दोनों अंगों को डुमना एयरपोर्ट के लिए रवाना किया, जो कि करीब 30 मिनट में एयरपोर्ट पहुंचा। डुमना एयरपार्ट से दो अलग-अलग फ्लाइट से लिवर भोपाल और हार्ट अहमदाबाद भेजा गया। शहर के ट्रैफिक को देखते हुए एम्बुलेंस मेडिकल कॉलेज से बरगी हिल्स, नयागांव, रामपुर, सीएमएस होते हुए सिविल लाइन से एयरपोर्ट पहुंची।
कैसे ब्रेनडेट हुआ सत्येंद्र यादव ?
सत्येंद्र के भाई विजय यादव ने बताया कि वह जबलपुर में किराए का रूम लेकर पत्नी के साथ रहता था। 31 वर्षीय सत्येंद्र यादव सिवनी जिले के गोरखपुर बिछुआ गांव के रहने वाले थे। परिवार में माता, पिता, बड़ा भाई और पत्नी है। सत्येंद्र की शादी इसी साल अप्रैल में हुई थी।
परिवार की सहमति से अंग दान का फैसला
सत्येंद्र यहां पर गैस कंपनी में डिलीवरी का काम करता था। 4 अगस्त की रात को काम खत्म करने के बाद, जब वह गढ़ा थाना अंतर्गत सूपाताल के पास पहुंचा,उसी दौरान उसका एक्सीडेंट हो गया था। विजय का कहना है कि परिवार वालों ने सभी की सहमति से अंग दान का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि अगर सत्येंद्र के हार्ट और लिवर से किसी की जान बच सकती है, तो इससे अच्छा क्या होगा? इसलिए डॉक्टरों की सलाह पर हमने अंग दान करने का फैसला लिया है।