Jabalpur Action Against Patwaris: मध्यप्रदेश के जबलपुर के शाहपुरा तहसील के 44 पटवारियों को काम में लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने ‘नो वर्क नो पेमेंट’ नीति के तहत इन सभी पटवारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं।
बताया जा रहा है कि पटवारी फार्मर रजिस्ट्री और ROR को आधार से लिंक करने की योजना में लापरवाही बरत रहे थे। जो किसानों के भूमि दस्तावेजों को डिजिटल रूप से सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने लागू की थी। ताकि किसानों को उनके भू-अधिकार की सुरक्षा और सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके, लेकिन पटवारियों ने इस काम को समय पर पूरा नहीं किया था। जिसके चलते उनकी 1 दिन की सेलेरी काट दी गई है।
इन पटवारियों पर हुई कार्रवाई, देखें पूरी लिस्ट
44 पटवारियों की काटी एक दिन की सैलरी
जबलपुर के शाहपुरा तहसीलदार रविंद्र सिंह ने 10 फरवरी के दिन पटवारियों के कामकाज की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने पाया कि उनकी तहसील के 44 पटवारी ऐसे हैं जिन्होंने 10 फरवरी को कोई काम ही नहीं किया। इसलिए तहसीलदार रविंद्र सिंह ने सभी 44 पटवारियों की 1 दिन की तनख्वाह काट दी।
‘नो वर्क नो पे का सिद्धांत सही’
जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि शाहपुरा के तहसीलदार ने एकदम सही काम किया। कलेक्टर का कहना है कि पटवारी को जमीन नामांतरण, खसरा खतौनी, राजस्व, आधार कार्ड लिंक अभियान, जमीन का सीमांकन जैसे काम करने होते हैं। इसके साथ इन दिनों फॉर्मर रजिस्ट्री का भी काम चल रहा है, लेकिन 10 फरवरी को इन सभी 44 पटवारियों ने इनमें से कोई भी काम नहीं किया। सीधी सी बात है कि जब काम नहीं किया तो तनख्वाह किस बात की? इसलिए इन सभी 44 पटवारियों की सैलरी काट दी गई है।
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कलेक्टर अधिकारियों पर भी कर चुके इस तरह की कार्रवाई
इस कार्रवाई पर कलेक्टर दीपक सक्सेना का तर्क है कि नो वर्क नो पे। इसके पहले जबलपुर कलेक्टरेट में सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण में समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में भी जो अधिकारी नहीं पहुंचे थे कलेक्टर ने उनकी एक दिन की सैलरी काट दी थी। यह फार्मूला सभी विभागों पर लागू होना चाहिए और जिस दिन अधिकारी ने या कर्मचारी ने कोई काम नहीं किया उसे उस दिन की सैलरी नहीं मिलना चाहिए।
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