/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/SG0fDVNH-बड़ी-खबर-9.webp)
हाइलाइट्स
- आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख
- 15 सितंबर तक भरना होगा रिटर्न
- लेट होने पर लगेगा जुर्माना
ITR Filing Update 2025: आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब आ गई है। अगर तय समय पर आपने ITR फाइल नहीं की तो देर से फाइलिंग पर ₹5,000 तक पेनाल्टी लग सकती है और रिफंड भी लेट हो सकता है। 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return - ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर, 2025 है। डेडलाइन से महज़ तीन दिन पहले ही यह सवाल चर्चा में है कि क्या वित्त मंत्रालय डेडलाइन बढ़ाएगा या नहीं।
देर से फाइलिंग पर लगता है जुर्माना
रिपोर्ट के मुताबिक, कोई करदाता अगर 15 सितंबर, 2025 तक अपना ITR दाखिल नहीं कर पाता है तो वह साल के आखिरी महीने यानि दिसबंर की 31 तारीख 2025 तक विलंबित रिटर्न (Belated Return) भर सकता है। लेकिन इसके लिए उसे जुर्माना (Penalty) चुकाना पड़ेगा। अगर आप 15 सितंबर, 2025 तक अपना ITR दाखिल कर पाए हैं तो कोई बात नहीं थोड़ा जुर्माना देना पड़ेगा इस श्रेणी में वे लोग आएंगे जिनकी जिनकी आय ₹5 लाख से अधिक है, उन्हें ₹5,000 का जुर्माना देना होगा। मगर जिनकी आय ₹5 लाख से कम है, उनके लिए यह जुर्माना सिर्फ़ ₹1,000 होगा।
अभी तक कितने लोगों ने भरा रिटर्न?
आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 12 सितंबर तक 5.95 करोड़ से ज़्यादा ITR दाखिल किए जा चुके हैं। इनमें से 5.51 करोड़ रिटर्न की पुष्टि हो चुकी है। जबकि 3.78 करोड़ से अधिक रिटर्न को प्रोसेस भी किया जा चुका है। मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान ने बताया कि कई बार ऐसा देखा गया है कि आखिरी समय में AIS और TIS जैसे दस्तावेज़ डाउनलोड करने में बहुत वक्त लग जाता है। उन्होंने कहा कि "2 करोड़ से ज़्यादा करदाता अब भी रिटर्न दाखिल करने बाकी हैं, ऐसे में डेडलाइन बढ़नी चाहिए। वहीं CA प्रतिभा गोयल ने करदाताओं को आखिरी समय तक इंतज़ार न करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि "अव्यवस्था में अक्सर ग़लतियाँ होती हैं। सही फॉर्म चुनना और 26-AS तथा AIS से डेटा मिलाना बेहद ज़रूरी है।
राजनीतिक दलों को चंदे पर टैक्स कटौती
ITR फाइलिंग के दौरान एक अहम सवाल राजनीतिक दलों (Political Parties) को दिए गए चंदे से जुड़ा है। आयकर अधिनियम की धारा 80GGC (Section 80GGC) के तहत करदाता इन योगदानों पर कटौती का दावा कर सकते हैं। इसके लिए योगदान की तिथि, राशि, भुगतान विधि और बैंक विवरण जैसी जानकारी देना ज़रूरी है। क्लियरटैक्स (ClearTax) की टैक्स विशेषज्ञ सीए शेफाली मुंद्रा कहती हैं, "गलत या अधूरी आय रिपोर्टिंग करने से अतिरिक्त टैक्स, ब्याज, नोटिस और यहाँ तक कि मुकदमा भी हो सकता है।" इसलिए ITR को ध्यान से भरना बेहद ज़रूरी है।
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/clNuwaSm-nkjoj-40.webp)
चैनल से जुड़ें