बांडुंग। इंडोनेशिया में ‘सरोगेसी’ पर प्रतिबंध है, लेकिन सभी मामलों में ऐसा नहीं है। इसे वैध बनाने के बारे में बातचीत कैसे शुरू हुई? इंडोनेशिया में सरोगेट मातृत्व प्रतिबंधित है, लेकिन फिर भी यह मौजूद है। इंडोनेशिया के कई क्षेत्रों में सरोगेसी के मामले सामने आए हैं, लोग पारिवारिक संबंधों के माध्यम से गुप्त रूप से सरोगेसी (किराए की कोख) का सहारा लेते हैं।
उदाहरण के लिए, फेसबुक पर इंडोनेशिया की युवा महिलाओं के लिए सरोगेट मां बनने को लेकर पंजीकरण कराना मुश्किल नहीं है। इंडोनेशिया के सरोगेसी प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले पक्षों के लिए कोई सख्त और स्पष्ट प्रतिबंध नहीं हैं। इसके कारण यह
प्रथा गुप्त रूप से या परिवार के अंदर चलने लगी। लेकिन जरूरी नहीं कि प्रतिबंध हमेशा के लिए रहेगा। अगले पांच से 10 वर्षों में इंडोनेशिया में सरोगेसी एक कानूनी मुद्दा बन जाएगी।
1970 के बाद से इंडोनेशिया में प्रजनन दर में आ रही है गिरावट
1970 के बाद से इंडोनेशिया में प्रजनन दर में गिरावट आ रही है। प्रजनन प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ रहा है, लेकिन वर्तमान प्रतिबंध के बावजूद पारिवारिक संबंधों के माध्यम से सरोगेसी अधिक किफायती है। अगर काल्पनिकता को सच मान लिया जाए, तो
आगामी फिल्म ‘डियर जो’ इंडोनेशिया में भविष्य की स्थिति को प्रतिबिंबित कर सकती है, जहां कई जोड़े विभिन्न कारणों से सरोगेसी का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं।
सरोगेट मातृत्व के बारे में चर्चाओं का इंडोनेशिया में बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया है, लेकिन इसमें शामिल लोगों के सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आने के कारण औपचारिक संदर्भ नहीं मिलता।
सरोगेट मां को अनैतिक और बच्चे को नाजायज माना जा सकता है
एक ओर, डॉक्टरों और क्लीनिकों को सरोगेसी सेवाएं प्रदान करने के लिए गंभीर दंड का सामना करना पड़ता है, वहीं माता-पिता इस प्रथा के अवैध होने के कारण कार्रवाई से डरते हैं। सरोगेट मां को अनैतिक और बच्चे को नाजायज माना जा सकता है।
इंडोनेशिया के कानून के तहत, सरोगेसी चाहने वाले के बीच किसी अनुबंध को वैध बनाने के लिए अनुबंध के उद्देश्य और उसमें लिखित नियमों का तार्किक होना जरूरी है। इंडोनेशिया में सरोगेसी की प्रथा के लिए आवश्यकताएं फिलहाल पूरी नहीं हुई हैं।
इंडोनेशियाई कानून कहता है कि वैध बच्चा वह है जो कानूनी विवाह के तहत पैदा हुआ हो।
विवाह के बाद पैदा हुए बच्चों का केवल अपनी मां और उसके परिवार से संबंध होता है। इसलिए, सरोगेट मां से पैदा हुए बच्चे सरोगेट मां की वैध संतान होते हैं, भावी माता-पिता की नहीं। अगर सरोगेसी के अनुबंध में यह तय हो जाए कि बच्चा स्वाभाविक रूप से
भावी माता-पिता की संतान होगा, तो बच्चे का स्टेटस बदल जाता है, ऐसे में सरोगेट मां का बच्चे पर कोई अधिकार नहीं होता।
ये भी पढ़ें:
Jio Recharge Plan: ये हैं जियो के सबसे सस्ते प्लान, अब इतने कम दाम पर मिलेगा अनलिमिटेड डेटा
Kaam Ki Baat: ITR फाइल करते समय इन 8 गलतियों से बचें, नहीं तो हो सकता है भारी नुकसान
3 Idiots Sequel: जब एक साथ आई 3 इडियट्स की तिकड़ी, फैंस बोले क्या आने वाला है सीक्वल यहां
Sabudana Real Fact: क्या व्रत के दौरान साबूदाना खाना सही है या नहीं ? जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय