Academic Bank of Credit: प्रदेश के काॅलेजों में स्टूडेंट्स की अंकसूची डिजि लॉकर में रखने की अनिवार्यता कर दी गई है। इसके लिए स्टूडेंट को परीक्षा फार्म भरने से पहले एबीसी (Academic Bank of Credit) में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
ऐसा नहीं होने पर स्टूडेंट्स के परीक्षा फार्म उच्च शिक्षा विभाग मान्य ही नहीं करेगा। एबीसी (Academic Bank of Credit) रजिस्ट्रेशन से स्टूडेंट को कई फायदे होंगे।
रजिस्ट्रेशन के बाद डिजि लाॅकर में सेव हो जाएगी मार्कशीट
उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी धीरेंद्र शुक्ला ने बंसल न्यूज डिजिटल से बातचीत में कहा कि काॅलेजों में स्टूडेंट्स की अंकसूची डिजि लॉकर में रखने की अनिवार्यता कर दी गई है।
इसके लिए एबीसी (Academic Bank of Credit) रजिस्ट्रेशन जरूरी है। रजिस्ट्रेशन होने के बाद स्टूडेंट की मार्कशीट खुद ही डिजि लाॅकर में सेव हो जाएगी।
एबीसी रजिस्ट्रेशन से ये होंगे फायदे
– एबीसी रजिस्ट्रेशन के बाद स्टूडेंट्स को कोई कागज लेकर नहीं चलना होगा। उसकी मार्कशीट डिजि लाॅकर में सेव रहेगी।
– प्रतियोगी परीक्षा में फार्म भरते समय अलग से मार्कशीट देने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ एबीसी नंबर देना होगा।
– यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिये अंकसूची नहीं ले जाना होगी। सिर्फ एबीसी रजिस्ट्रेशन बताने पर डिजि लॉकर से सीधे जानकारी ले ली जाएगी।
– अंकसूची का सत्यापन कराने के लिए किसी अधिकारी के पास नहीं जाना होगा। डिजि लॉकर में अंकसूची होना ही सत्यापन माना जाएगा।
बड़ा सवाल- डिजिलाॅकर में रखे डाक्यूमेंट्स की मान्यता कितनी!
डिजिलॉकर ऐप भारत सरकार की एक योजना है इसलिए ये सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में मान्य है। कोई भी डिजिलाॅकर में सेव डॉक्यूमेंट्स को मानने से मना नहीं कर सकता।
डिजिलाॅकर के क्या हैं फायदे
डॉक्यूमेंट खराब नहीं होंगेः डिजिलॉकर में मार्कशीट और अन्य डॉक्यूमेंट्स खराब नहीं हो सकते।
खोने का खतरा भी नहींः कई बार डॉक्यूमेंट्स की हार्ड कॉपी गुम हो जाती है। डिजिलॉकर में डॉक्यूमेंट्स सेव करने के बाद खोने का डर नहीं रहता।
कहीं से भी एक्सेस करने की आजादीः डिजिलाॅकर के जरिए डाॅक्यूमेंट्स दुनिया के किसी भी कोने से एक्सेस किये जा सकते हैं।
अब जाने कैसे क्रिएट होगी आईडी
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि काॅलेज और यूनिवर्सिटी द्वारा नियुक्त किए गए नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वे पीपीटी प्रजेंटेशन के जरिये स्टूडेंट्स को एबीसी (Academic Bank of Credit) में रजिस्ट्रेशन कर उनकी आईडी बनवाने का काम करें।
आईडी बनाने के बाद इसका वेरिफिकेशन करना काॅलेज की जिम्मेदारी होगी। विभाग ने साफ कहा है कि यह काम 31 मार्च 2024 के पहले कराना होगा ताकि आगामी परीक्षा परिणामों के बाद विद्यार्थियों को दी जाने वाली अंकसूची डिजि लॉकर में रखी जा सके।
एबीसी (Academic Bank of Credit) रजिस्ट्रेशन स्टूडेंट व्यक्तिगत रूप से भी करवा सकते हैं। साथ ही काॅलेज या यूनिवर्सिटी चाहे तो बल्क में भी स्टूडेंट के रजिस्ट्रेशन करवा सकती है।
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तीन लाख मार्कशीट डिजिलाॅकर में हो चुकी हैं अपलोड
मध्य प्रदेश का उच्च शिक्षा विभाग इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। अब तक तीन लाख से अधिक मार्कशीट को डिजिलाॅकर में अपलोड कर दिया गया है। विभाग अब आने वाले सत्र से डिजिलाॅकर में ही स्टूडेंट को मार्कशीट देगा।
राजधानी भोपाल में वर्कशाॅप शुरु
स्टूडेंट का एबीसी (Academic Bank of Credit) रजिस्ट्रेशन कैंसे कराएं, इसे लेकर राजधानी भोपाल में वर्कशाॅप गुरूवार से शुरु हो गई। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 18 और 19 जनवरी को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में किया गया है।
यहां दिल्ली से आए दो तकनीकी सलाहकार रजिस्ट्रेशन का प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस वर्कशाॅप में सभी काॅलेज, यूनिवर्सिटी के नोडल अधिकारी के साथ ही कम्प्यूटर आपरेटरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो फील्ड में जाकर स्टूडेंट्स से एबीसी (Academic Bank of Credit) रजिस्ट्रेशन कराएंगे।
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