Advertisment

CMS-03 GSAT 7R: ISRO ने लॉन्च किया CMS-03 कम्युनिकेशन सैटेलाइट, मेड इन इंडिया, अब दुश्मनों की खैर नहीं

CMS 03 GSAT 7R: ISRO ने भारतीय नौसेना के लिए देश का अब तक का सबसे उन्नत और भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-7R सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। ये सैटेलाइट नौसेना की समुद्री निगरानी और सुरक्षित संचार क्षमता को नई ताकत देगा।

author-image
Rahul Garhwal
ISRO Launch CMS 03 GSAT 7R bahubali rocket India Space Mission hindi news

हाइलाइट्स

  • ISRO ने लॉन्च किया GSAT-7R सैटेलाइट
  • नेवी की कम्युनिकेशन पावर हुई मजबूत
  • समुद्री निगरानी में बढ़ी भारत की ताकत
Advertisment

CMS 03 GSAT 7R: ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने भारतीय नौसेना के लिए CMS-03 (GSAT-7R) कम्युनिकेशन सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग की। स्वदेशी हैवी सैटेलाइट को बाहुबली रॉकेट से लॉन्च किया गया। ये सैटेलाइट नौसेना का अब तक का सबसे एडवांस्ड (उन्नत) सैटेलाइट माना जा रहा है। इससे नौसेना की अंतरिक्ष से संचार (Space Communication) और समुद्री इलाके की निगरानी (Maritime Surveillance) की क्षमता और मजबूत होगी।

https://twitter.com/narendramodi/status/1984972036037288219

भारत में ही बना सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट

GSAT-7R पूरी तरह भारत में डिजाइन और तैयार किया गया है। इसका वजन लगभग 4400 किलोग्राम है, जो इसे भारत का अब तक का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट बनाता है। इसमें कई देसी तकनीक वाले पार्ट्स लगाए गए हैं, जो खास तौर पर नौसेना की जरूरतों के हिसाब से बनाए गए हैं। ये आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।

सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्चिंग

GSAT-7R सैटेलाइट 2 नवंबर 2025 को सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC-SHAR), श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) से शाम 5:26 बजे लॉन्च किया गया। ISRO के वैज्ञानिकों ने इस मिशन की तैयारी में कई महीनों तक मेहनत की। श्रीहरिकोटा का यह स्पेस सेंटर देश का सबसे प्रमुख रॉकेट लॉन्च स्टेशन है।

Advertisment

GSAT-7R की तकनीकी खासियत

bahubali

वजन लगभग 4400 किलोग्राम, भारत का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट

ट्रांसपोंडर्स (संचार उपकरण) वॉइस, डेटा और वीडियो ट्रांसमिशन को सपोर्ट करेंगे।

कई फ्रीक्वेंसी बैंड्स पर काम करते हैं, जिससे जहाजों, विमानों और पनडुब्बियों के बीच बेहतर संचार होगा।

सैटेलाइट का कवरेज हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region) में रहेगा। इससे समुद्री क्षेत्रों में सिग्नल मजबूत बने रहेंगे।

Advertisment

हाई-कैपेसिटी बैंडविड्थ, ज्यादा डेटा ट्रांसफर की क्षमता, जहाजों, एयरक्राफ्ट और कंट्रोल सेंटर्स के बीच तेज और सुरक्षित कनेक्शन।

नौसेना की ताकत बढ़ेगी

GSAT-7R की मदद से नौसेना को समुद्र में अपनी मौजूदगी मजबूत रखने में मदद मिलेगी। दुश्मन की हरकतों पर तेजी से नजर रखी जा सकेगी। किसी खतरे की स्थिति में तुरंत एक्शन लिया जा सकेगा। दूर समुद्र में भी सुरक्षित संचार संभव होगा।

सुरक्षा और आत्मनिर्भरता, दोनों में बढ़त

आज के समय में समुद्री सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है, खासकर जब हिंद महासागर में चीन और पाकिस्तान जैसी ताकत सक्रिय हैं। GSAT-7R की मदद से भारत की नौसेना को अंतरिक्ष से निगरानी और कार्रवाई करने की नई ताकत मिलेगी। नौसेना प्रमुख ने कहा कि यह सैटेलाइट राष्ट्र की समुद्री सुरक्षा को नई ऊंचाई देने वाला कदम है।

Advertisment

हमें XFacebookWhatsAppInstagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें।

Google Chrome Users के लिए बड़ा अलर्ट: तुरंत करें Update नहीं तो खतरे में पड़ सकता है Data, सरकार ने दी चेतावनी

Chrome Security Alert: अगर आप Google Chrome का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) ने गूगल क्रोम और GitLab यूजर्स के लिए गंभीर चेतावनी जारी की है। एजेंसी ने बताया है कि दोनों प्लेटफॉर्म्स में ऐसी खामियां पाई गई हैं, जिनका फायदा साइबर अपराधी उठाकर यूजर्स का डेटा चुरा सकते हैं या सिस्टम पर नियंत्रण हासिल कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

indian navy ISRO Satish Dhawan Space Centre self-reliant india Sriharikota satellite launch CMS 03 GSAT 7R GSAT-7R CMS-03 Communication Satellite Space-based Communication Maritime Surveillance Indian Ocean Region Defence Technology Naval Communication Advanced Satellite High Bandwidth India Space Mission Indigenous Technology Heavy Satellite Space Security bahubali rocket
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें