Aditya L1: ISRO इस साल अपना पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 (Aditya L1) लॉन्च कर सकता है। इस मिशन को साल 2020 में ही लॉन्च होना था, लेकिन कोरना महामारी के कारण इसे आगे बढ़ा दिया गया था। हालांकि अब इसे मार्च महीने में लॉन्च करने की तैयारी है। इस मिशन के साथ ही सुपरनोवा को भी लॉन्च किया जा सकता है।
इस मिशन से क्या होगा?
इस मिशन से इसरो सूर्य का अध्ययन करेगा। आदित्य एल-1 मिशन को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लेग्रेंगियन पॉइंट 1 के चारों ओर प्रभामंडल की कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा, ताकि बिना किसी बाधा के निरंतर सूर्य का प्रेक्षण किया जा सके। गौरतलब है कि अब तक तीन देश ही इस मिशन को पूरा कर पाए हैं। अमेरिका, यूरोपीय युनियन और जापान। वहीं अगर भारत का यह मिशन सफल होता है तो इस लिस्ट में भारत भी चौथे नंबर पर शामिल हो जाएगा।
इस कारण से मिशन का नाम आदित्य रखा गया
मालूम हो कि ISRO ने साल 2019 में ही पहले सूर्य मिशन की घोषणा की थी। लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए इसे दो साल से आगे बढ़ा दिया जा रहा है। लेकिन अब इसे साल 2022 में लांच किया जा सकता है। इसरो ने कमर भी कस ली है। जल्द ही सूर्य के अध्ययन के लिए ISRO अपना सेटेलाइट लांच कर सकता है। इस महत्वाकांक्षी मिशन का नाम ‘आदित्य-एल-1’ रखा गया है। बता दें कि इसे योजना का नाम भगवान सुर्य के नाम पर रखा गया है। भगवान सुर्य को आदित्य के नाम से भी जाना जाता है।
मिशन को इस उपग्रह से लांच किया जाएगा
ISRO ने आदित्य L-1 को 400 किलो-वर्ग के उपग्रह के रूप में वर्गीकृत किया है जिसे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान- XL (PSLV-XL) से लांच किया जाएगा। यह मिशन भारतीय खगोल संस्थान IIA बंगलूरू, IICAA पुणे और IISER कोलकाता के साथ-साथ ISRO की विभिन्न प्रयोगशालाओं के सहयोग से संचालित होगा।
ISRO की उपलब्धियां
बता दें कि ISRO यानि (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) भारत की एक राष्ट्रिय अंतरिक्ष एजेंसी है जिसकी स्थापना भारत में अंतरिक्ष से जुड़े कार्यों को करने के लिए साल 1969 में की गई थी। वर्तमान में इसरों का मुख्यालय बेंगलुरू में है। पिछले कुछ वर्षों में ISRO ने कई उपलब्धियां प्राप्त की है। भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी लगातार प्रगति का श्रेय भी ISRO को ही जाता है।