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हरे कृष्णा हिल मंदिर केस: ISKCON बेंगलुरु की ऐतिहासिक जीत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मंदिर ISKCON मुंबई का नहीं, दखल न दें

ISKCON Bangalore Vs ISKCON Mumbai: ISKCON बेंगलुरु बनाम ISKCON मुंबई केस में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। हरे कृष्णा हिल मंदिर इस्कॉन बेंगलुरु का है, इस्कॉन मुंबई का नहीं।

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Rahul Garhwal
ISKCON Bangalore Vs ISKCON Mumbai Hare Krishna Hill Mandir Case Supreme Court Decision

हाइलाइट्स

  • हरे कृष्णा हिल मंदिर केस
  • इस्कॉन बेंगलुरु का है हरे कृष्णा हिल मंदिर
  • सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाईकोर्ट का फैसला
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ISKCON Bangalore Vs ISKCON Mumbai: सुप्रीम कोर्ट ने फेमस हरे कृष्ण हिल मंदिर पर लंबे समय से चल रहे विवाद को खत्म कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि हरे कृष्णा हिल मंदिर इस्कॉन बेंगलुरु का है। इस्कॉन बेंगलुरु और इस्कॉन मुंबई दोनों ही मंदिर और इससे जुड़े शैक्षणिक कैंपस पर दावा कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने फैसला सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ISKCON बेंगलुरु अब स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकता है। ISKCON मुंबई अब इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता और न ही उन भक्तों को निष्कासित कर सकता है जो केवल श्रील प्रभुपाद को अपना आचार्य मानते हैं।

करीब डेढ़ दशक तक चले कानूनी दांव-पेंच

इस्कॉन बेंगलुरु ने 23 मई 2011 के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए 2 जून 2011 को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस्कॉन बेंगलुरु का प्रतिनिधित्व इसके पदाधिकारी कोडंडाराम दास ने किया। हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई जिसमें बेंगलुरु की एक स्थानीय अदालत के 2009 के आदेश को पलट दिया था।

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[caption id="attachment_819059" align="alignnone" width="599"]Hare Krishna Hill Mandir Case Supreme Court हरे कृष्णा हिल मंदिर, बेंगलुरु[/caption]

पहले बेंगलुरु फिर मुंबई के पक्ष में आया फैसला

पूरे मामले में ट्रायल कोर्ट ने इस्कॉन बेंगलुरु के पक्ष में फैसला दिया था। इसमें कानूनी शीर्षक को मान्यता दी गई थी और इस्कॉन मुंबई के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा दी गई थी। हाईकोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया। इस्कॉन मुंबई के प्रतिवाद को बरकरार रखा, जिससे उन्हें प्रभावी रूप से मंदिर पर नियंत्रण मिला गया। हाईकोर्ट के इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।

ये था दोनों पक्षों का दावा

इस्कॉन मुंबई ने दावा किया था कि इस्कॉन बेंगलुरु सिर्फ उनकी एक ब्रांच है। इसलिए इस्कॉन बेंगलुरु से जुड़ी सभी संपत्तियों पर भी इस्कॉन मुंबई का अधिकार है। इस्कॉन बेंगलुरु ने दावा किया था कि वो कई दशकों से काम कर रही है और बेंगलुरु मंदिर का मैनेजमेंट संभाल रही है।

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सुप्रीम कोर्ट ने ISKCON बेंगलुरु को दिया अधिकार

https://twitter.com/ISKCONBangalore/status/1923277375506194825

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि बेंगलुरु का प्रसिद्ध हरि कृष्ण मंदिर इस्कॉन सोसाइटी बेंगलुरु का है। ISKCON बेंगलुरु के चेयरमेन मधु पंडित दास ने कहा कि यह संघर्ष उन लोगों के विरुद्ध था जो स्वयं को श्रील प्रभुपाद का उत्तराधिकारी बताते हुए दीक्षा देने लगे। ISKCON बेंगलुरु ने सदैव यह मत रखा कि सभी भक्त श्रील प्रभुपाद के शुद्ध शिष्य हैं और वही ISKCON के शाश्वत आचार्य हैं। इस निर्णय ने हमारे इस सत्य को न्यायिक पुष्टि प्रदान की है।

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