Curd in Rainy Season: मानसून की बारिश के साथ ही हमारी खान-पान की आदतें अक्सर बदल जाती हैं. मौसम में अचानक बदलाव के साथ, हमें स्वस्थ रहने के लिए थोड़ी अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है. इस मौसम में एक आम सवाल यह उठता है कि क्या मानसून के दौरान दही खाना सेहत के लिए अच्छा है.
दही प्रोटीन, कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स का एक बेहतरीन सोर्स है. जो पाचन में सहायता करता है और डिजीज रेजिस्टेंस को बढ़ाता है. यह संतुलित आहार में एक पौष्टिक तत्व है, खासकर मानसून के दौरान हमारी डिफेंस सिस्टम को अतिरिक्त बढ़ावा देता है.
मानसून में दही खाने के नुक्सान
मानसून के मौसम में दही का सेवन करने के कुछ नुकसान हो सकते हैं। इस मौसम में नमी और तापमान के कारण बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे दही जल्दी खराब हो सकता है. अगर खराब दही का सेवन किया जाए, तो इससे पेट में संक्रमण, अपच और दस्त जैसी समस्याएँ हो सकती हैं.
इसके अलावा, मानसून में वातावरण ठंडा और नमी से भरा होता है, जिससे शरीर की पाचन क्रिया धीमी हो जाती है. दही एक ठंडी प्रकृति का खाद्य पदार्थ है, जो पाचन को और धीमा कर सकता है और पेट में गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी की समस्या बढ़ा सकता है।
इसलिए, मानसून के मौसम में दही का सेवन सीमित मात्रा में और सावधानीपूर्वक करना चाहिए.
इन बातों का रखे ध्यान
कंटेमिनेशन के जोखिम को कम करने के लिए प्रतिष्ठित ब्रांडों से पैकेज्ड दही चुनें.
बैक्टीरिया के विकास को रोकने के लिए दही को 40°F (4°C) से कम तापमान पर रेफ्रिजरेटर में स्टोर करें.
सुनिश्चित करें कि दही खराब होने से बचने के लिए एक्सपायरी डेट के अंदर हो.
दही का सेवन कम करें, क्योंकि अधिक सेवन से पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं.
ऐसे करें दही का सेवन
दही के पाचन गुणों को बढ़ाने के लिए इसमें जीरा, धनिया और अदरक जैसे मसाले मिलाएं.
दही को अपने खाने में साइड डिश के रूप में शामिल करें या रायता, लस्सी या स्मूदी जैसी रेसिपी में सामग्री के रूप में इसका इस्तेमाल करें.
रात में दही खाने से बचें, क्योंकि इससे अपच और परेशानी हो सकती है.