Shashank Singh: मैं एक गेंद को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता, मैच के दौरान कई मूमेंट थे, जब मैं बेहतर कर सकता था। लोग बोलते हैं अंतिम ओवर की पहली बॉल फुलटॉस थी, जो मिस हो गई। यह कहना आसान है, हालांकि वो सही बोलते हैं। मैं अच्छा कर सकता था, मैं मैच में 6 ओवर पहले आया था। मैं खुद को फ्लेश बैक करता हूं तो देखता हूं कि कई सारे मूवमेंट थे, जब मैं अच्छा कर सकता था। यह भी एक लर्निंग थी। अब आईपीएल खत्म हो गया है। जो लर्निंग्स थीं वो मेरे आगे काम में आएंगी।
पंजाब किंग्स के धुरंधर बल्लेबाज शशांक सिंह से बंसल न्यूज (डिजिटल) से खास बातचीत में प्रीति जिंटा से लेकर कप्तान श्रेयस अय्यर और कोच रिकी पोंटिंग सहित कई मुद्दों के बारे में खुलकर बात की।
आईपीएल-18 के फाइनल में आरसीबी ने पंजाब किंग्स को 6 रन से हराया। आरसीबी ने 9 विकेट पर 190 रन बनाए, जबाव में पंजाब किंग्स 7 विकेट के नुकसान पर 184 रन ही की बना सकी।
हेजलवुड को लेकर शशांक सिंह ने कहा
आरसीबी के गेंदबाज जोश हेजलवुड और मैच में अंतिम ओवर में शशांक सिंह ने 22 रन ठोंके थे। इससे हेजलवुड के परफॉरमेंस में गिरावट के सवाल पर धुरंधर बल्लेबाज शशांक ने कहा, ऐसा कतई कुछ नहीं है। वो दुनिया के टॉप थ्री बॉलर्स में शामिल हैं। उनका आईपीएल और वर्ल्ड क्रिकेट में शानदार परफॉरमेंस है। उनकी चार गेंदों पर बने रन (22 रन) उनकी महानता को डिफाइन नहीं कर सकते हैं।
यहां बता दें, आईपीएल फाइनल में आरसीबी के गेंदबाज जोश हेजलवुड और मैच के अंतिम ओवर की चार गेंदों पर शशांक सिंह ने 22 रन बनाए थे, जिसमें तीन छक्के और एक चौका जड़ा था।
शशांक सिंह के प्रोफेशनल क्रिकेट की शुरुआत भोपाल से हुई
शशांक के क्रिकेट की शुरुआत 5-6 साल की उम्र में सिवनी से हुई। शशांक ने बताया कि तब पापा प्लास्टिक की बॉल से क्रिकेट खिलाते थे। प्रोफेशनल क्रिकेट की शुरुआत भोपाल आकर हुई, यहां क्लब क्रिकेट खेला। जहां उनके पापा क्रिकेट की ट्रेनिंग देते थे। इसके बाद मुंबई स्विचओवर किया। वहां अंडर-19 खेला, तब थोड़ी मैच्युरिटी आने लगी। इसके बाद कोच स्वर्गीय विद्या पराड़कर (विद्याधर पराड़कर) अच्छे-से ट्रेनिंग दी और क्रिकेटर के क्रिकेटिंग बेसिक्स क्लियर किए।
मुंबई में क्रिकेट का जबरदस्त टैलेंट
पंजाब किंग्स के ऑलराउंडर शशांक सिंह ने कहा कि मुंबई क्रिकेट का बड़ा हब है। साल 2007 में मुंबई जाने के बाद पता चला प्रोफेशल क्रिकेट क्या होता? कॉम्पटीशन का लेवल क्या? टैलेंट कितना है जैसे- देशराज, सूर्या, श्रेयस अय्यर… वहीं पर थे सब लोग। उन्हें देखा तो लगा, कि कितना टैलेंट है। …कितनी मेहनत करनी पड़ेगी ? वहां जाकर चीजें चेंज हुईं।
मुंबई से वापस छत्तीसगढ़ लौटने की वजह ?
शशांक सिंह ने बताया कि वे 2019 में वापस छत्तीसगढ़ लौटे। इसकी मूल वजह रेड बॉल फॉरमेट में मुंबई में मौका न मिलना रहा। हालांकि, शशांक सिंह ने मुंबई से व्हाइट बॉल फार्मेट में मुश्ताक अली और विजय हजारे में खूब रन बनाए और विकेट लिए।
शशांक ने बताया कि वहां के प्लेयर सूर्य कुमार यादव, अभिषेक नायर, शुभम दुबे, श्रेयस अय्यर, सरफराज बहुत अच्छा कर रहे थे। ये लोग टीम में थे और बॉम्बे हर साल चैंपियनशिप जीत रही थी।
शशांक ने बताया कि हर क्रिकेटर की तरह मेरा भी सपना था रेड बॉल फार्मेट में खेलूं। इसलिए मैं अपने होम स्टेट वापस लौटा। उनका बर्थ प्लेस भिलाई है।
शशांक ने कहा कि वापस आने पर मेरा छत्तीसगढ़ एसोसिएशन ने शानदार वैलकम किया। इसके बाद 2019 से छत्तीसगढ़ से खेल रहा हूं।
‘मेहनत का फल मुझे भी अच्छा लगता है’
शशांक सिंह ने बताया का हार्ड वर्क का फल मिले तो अच्छा खेलता है। मैंने मणिपुर के खिलाफ रणजी मुकाबले में 150 रन बनाए और 5 विकेट झटके थे। उस परफॉरमेंस में मुझे अच्छा लगा। साथ ही बीसीसीआई ने भी अवॉर्ड किया। इससे कॉन्फीडेंस काफी बूस्ट हुआ।
शशांक को शुरू के तीन साल प्लेइंग इलेवन में नहीं मिला मौका
आईपीएल के लिए शशांक सिंह 2017 में दिल्ली डेयर डेवेल्स टीम के लिए चुने गए। इसके बाद राजस्थान रॉयल टीम में शामिल हुए। शुरुआती तीन साल में शशांक सिंह को कोई आईपीएल का मैच खेलने नहीं मिला। शशांक ने बताया कि जाहिर तौर पर जब प्लेइंग इलेवन में खेलने का मौका नहीं मिले तो बुरा तो लगता ही है, लेकिन मैंने एक बात महसूस की कि आपको कुछ न कुछ सीखना जरूर है। पता नहीं कब आपकी लर्निंग काम आ जाए।
बेस्ट परफॉरमेंस और टीम को जिताना टारगेट
शशांक ने कहा कि इस सब के बावजूद मैंने सोच रखा था जब भी मौका मिलेगा अपना बेस्ट करुंगा और टीम को जिताऊंगा। मैंने कभी नहीं सोचा अपने सौ रन, 50 रन या इतने विकेट लूंगा। बस एक ही टारगेट रहता था अपनी टीम को किसी तरह जिता पाऊं और द एंड…।
शशांक ने कहा, ज्यादा से ज्यादा रन, विकेट का टारगेट अमूमन क्रिकेटर्स में कम रहता है, बस एक ही टारगेट रहता है कि कैसे अपनी टीम को जिताए जाए ? यह मीडिया के लिए जरूरी है कि शशांक सिंह ने कितने रन बनाए, कितने विकेट लिए, पर क्रिकेटर के लिए जीत सबसे जरूरी है।
आईपीएल से इंडियन क्रिकेट में बड़ा बदलाव आया
शशांक सिंह ने कहा कि आईपीएल ने क्रिकेट में बहुत बड़ा बदलाव लाया है। फॉरेन क्रिकेटर मिलते हैं। दोनों एक-दूसरे की साइकॉलोजी और कल्चर समझते हैं। इंडियन मैच हारने पर दिल पर ले लेते हैं। नरवस हो जाते हैं, ऐसे में फॉरेन क्रिकेटर से हमें बहुत सीखने को मिलता है। वे हमेशा चील्डआउट रहते हैं। वे कॉन्फीडेंट रहने का प्रयास करते हैं।
IPL ऑक्शन में ‘दो शशांक’ की कंट्रोवर्सी पर क्या बोले ?
शशांक सिंह की पूरी क्रिकेट जर्नी में सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट है ऑक्शन। पंजाब किंग्स के ऑक्शन में एक ही नाम के दो खिलाड़ी ‘शशांक’ होने और फिर कट्रोवर्सी को लेकर शशांक सिंह ने कहा कि उस समय में सोशल मीडिया से दूर था, लेकिन मुझे कभी बुरा नहीं लगा। जो लड़का मेरे नाम का था, वो अभी 19 साल का है और उसने बीसीसीआई के मैच नहीं खेले जितने मैंने खेले हैं। इसलिए उसका उतना नाम नहीं है। मुझे मालूम था कि ऑक्शन में मेरे नाम के लिए ही जा रहे हैं वो लोग (आईपीएल फ्रेंचाइजी )। उसने मुझे कभी हर्ड नहीं किया, लेकिन मेरी बहन को जरूर हर्ट करता है। बहन को मुझ पर पूरा विश्वास था कि मैं सारी बातों को गलत साबित करूंगा। यहां बता दें सोशल मीडिया पर प्रीति जिंटा को एक गलती करार दिया गया था।
प्रीति जिंटा टीम को फैमिली की तरह ट्रीट करती हैं
प्रीति मेम ( प्रीति जिंटा- पंजाब किंग्स की मालिक) के व्यवहार को लेकर शशांक सिंह ने कहा, वो क्रिकेट को लेकर बहुत पैसेनेट हैं। उनका सबके साथ फैमिली मेम्बर जैसा व्यवहार है। इस बार के आईपीएल में मेरा उनके साथ और अच्छा तालमेल रहा है। उनकी तरह मजाक और बात करने की मेरी भी आदत है। उन्हें क्रिकेट के बारे में बहुत नॉलेज है। मैंने उनकी बहुत फिल्में देखी हैं। वे टॉप लेवल एक्ट्रेस हैं।
शशांक सिंह ने कहा कि क्रिकेट में सीरियस रहना जरूरी है, लेकिन इतना भी नहीं है कि वह नर्वसनेस में बदल जाए। संतुलन होना जरूरी है।
कोच-कप्तान की मिस्ट्री से आया पंजाब किंग्स टीम में चेंज
पंजाब किंग्स में बदलाव को लेकर कहा कि पहले रिकी सर (रिकी पोंटिंग- टीम के कोच) तो एक लगा कि टीम को अच्छा कोच मिला है। वे हमेशा पॉजिटिव थे। फिर श्रेयस आ गया, तो फिर हम सब का कॉन्फीडेंस बढ़ गया। रिकी पोंटिंग और श्रेयस अय्यर की पार्टनरशिप बहुत अच्छी है। यह सब सुनी हुई चीजें थी। इसके बाद हर बार यही बात हुई हम इस बार ट्रॉफी ले रहे हैं। हमें पूरा भरोसा था हम ट्रॉफी जीत रहे हैं।
पॉजिटिव माहौल से आईपीएल में टॉप टू में रहे
शशांक ने बताया कि पूरे टीम में बस वाले से लेकर टीम के कप्तान तक सभी के साथ सामान व्यवहार किया गया। हालांकि, व्यवहार में यह करना बहुत कठिन होता है, लेकिन रिकी सर और श्रेयस ने तय किया कि हम सभी को रिस्पेक्ट दें… ऐसा हुआ भी। इलेवन प्लेयर्स के अलावा जिन प्लेयर्स को मैदान खेलने का मौका नहीं मिला, उनका हौंसला बनाए रखा गया। इसलिए पूरी टीम का माहौल पॉजिटिव रहा। मुझे भी भरोसा था कि हम टॉप टू में जरूर रहेंगे। जो मैंने शुरुआत में बोला भी था।
श्रेयस परफॉरमेंस नहीं कर पाने वाले प्लेयर्स के साथ खड़ा रहता है
कप्तान श्रेयस अय्यर को लेकर शशांक सिंह ने कहा कि मैं 15 साल से जानता हूं। वो हमेशा प्लेयर को फ्रीडम देता है। वो उन परफॉरमेंस नहीं करने वाले प्लेयर्स के साथ भी खड़ा रहता है। श्रेयस इंडिया को हर फॉर्मेट का बेस्ट प्लेयर है। वह अच्छा कप्तान है। मैं उसे टॉप थ्री प्लेयर्स में मानता हूं। श्रेयस में अंडर-19 में जैसा था वैसे ही आज भी है।
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