Mumbai News: आज भारत के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है जहां पर भारतीय नौसेना के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित प्रोजेक्ट-75 की छठी स्कॉर्पीन श्रेणी पनडुब्बी, आईएनएस वागशीर (INS Vagshir Project-75) की सफल लॉन्चिंग की है। जहां पर रक्षा सचिव अजय कुमार ने इसे सफल बताया है।
ये पनडुब्बियां दे रही सेवाएं
आपको बताते चलें कि, भारतीय नौसेना के इस प्रोजेक्ट-75 के तहत स्कॉर्पीन श्रेणी की 4 अति-आधुनिक पनडुब्बियां आईएनएस कलवरी, आईएनएस खंडेरी, आईएनएस करंज और आईएनएस वेला जहां पर सेवाएं दे रही है वहीं पर आईएनएस वागीर का समुद्री परीक्षण चल रहा है। इस दौरान महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट की छठी और आखिरी स्कॉर्पीन पनडुब्बी आईएनएस वागशीर का सफल परीक्षण होने के बाद ही नौसेना में जुड़ेगी। इसे लेकर रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा, अब इस स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन का करीब 1 वर्ष तक समुद्री परीक्षण होगा, जिसे सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद भारतीय नौसेना में इसे शामिल किया जाएगा। इस पनडुब्बी की लॉन्चिंग आत्मनिर्भर भारत का बेहतरीन उदाहरण है।
मुंबई: INS वागशीर प्रोजेक्ट -75 की स्कॉर्पीन श्रेणी की अंतिम पनडुब्बियों को लांच किया गया।
रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा, “INS वागशीर का अब समुद्री परीक्षण होगा और बाद में इसे चालू किया जाएगा। इस पनडुब्बी का लांच भारत के आत्मनिर्भर बनने का एक उदाहरण है।” pic.twitter.com/nqBXlZQm3x
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 20, 2022
मछली के नाम पर ऱखा था नाम
आपको बताते चलें कि, इस पनडुब्बी का नाम वागशीर खासतौर पर हिंद महासागर की गहराई में पाई जाने वाली एक घातक शिकारी मछली के नाम पर रखा गया था। जो भारतीय नौसेना में दिसंबर 1974 में कमीशन हुई थी. अप्रैल 1997 में इसकी सेवा को बंद कर दिया गया था। बता दें कि, इस प्रोजेक्ट पर काफी सालों से काम चल रहा था जिसके बाद पीएम मोदी के आने से इस प्रोजेक्ट में तेजी आई है। बता दें कि, भारत और फ्रांस ने 6 स्कॉर्पीन-श्रेणी की पनडुब्बियों (परमाणु संचालित) के निर्माण के लिए 3.75 बिलियन डॉलर के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।