Indore News: मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां पर रामचंद्र नगर स्थित युग पुरुष आश्रम में मंगलवार को पांच बच्चों की मौत हो गई। मामले में प्रशासन की प्रारंभिक जांच में मौत का कारण हैजा (कालरा) पाई गई है। दरअसल, हैजा आमतौर पर दूषित भोजन और पानी से होती है। साथ ही जांच के दौरान कुछ बच्चों में एनीमिया भी पाया गया है।
आश्रम में रहने वाले बच्चों का डिहाइड्रेजन की वजह से उनके शरीर में क्रिएटिनिन का लेवल भी बढ़ा हुआ था। बता दें कि आश्रम में तीन दिनों में 5 बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद मंगलवार रात को करीब 10 और बच्चों को भर्ती करवाया गया था। अभी तक कुल 44 बच्चों का इलाज चाचा नेहरू हॉस्पिटल में चल रहा है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मानें तो जिनकी हालात स्थिर बताई जा रही है।
प्रशासन की जांच सामने आने के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि संस्था लंबे समय से काम कर रही है। उनकी ओर से इतनी बड़ी घटना को छुपाना गलत है। प्रारंभिक रूप से हैजा (कालरा) से बच्चों की मौत हुई है। कलेक्टर ने कहा कि अगर इसकी सूचना हमें पहले मिल जाती तो दूसरे बच्चों को इतना परेशान नहीं होना पड़ता। सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
बता दें कि जिला हॉस्पिटल में मंगलवार को जिस बच्चे का पोस्टमार्टम हुआ था, वह एनीमिक था। चाचा नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती सभी बच्चों में हीमोग्लोबिन की जांच करवाई गई थी, जिसमें बुधवार दोपहर तक 15 बच्चों की रिपोर्ट आ गई। इनमें से 5 से 6 बच्चों में एनीमिया पाया गया है, वहीं, बाकी सभी में क्रिएटिनिन का स्तर भी काफी बढ़ा हुआ था।
ADM गौरव बैनल, जेडी महिला बाल विकास डॉ. संध्या व्यास, रामनिवास बुधौलिया, चाचा नेहरू अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रीति मालपानी व डॉ. श्रीलेखा जोशी ने आश्रम में जाकर जांच की। टीम के सदस्यों के मुताबिक यहां 206 बच्चे थे। बच्चों के पानी और खाने की व्यवस्था अब बाहरी एजेंसी से करवाई गई है।
शिशु रोग विशेषज्ञों के मुताबिक, डिहाइड्रेशन के मामलों में सीधा असर उनकी किडनी पर असर पड़ता है, जिससे क्रिएटिनिन बढ़ा हुआ आता है। चूंकि सभी बच्चों में यह परेशानी पाई गई है, इससे साफ तौर पर जाहिक है कि बच्चे दूषित भोजन और खराब पानी पीने के कारण ही बीमार हुए हैं।
ADM गौरव बैनल, JD महिला बाल विकास डॉ. संध्या व्यास, रामनिवास बुधौलिया, चाचा नेहरू हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. प्रीति मालपानी और डॉ. श्रीलेखा जोशी ने आश्रम में जाकर जांच की। टीम के सदस्यों के अनुसार 206 बच्चे थे। वहीं, अब बच्चों के पानी और खाने की व्यवस्था अब बाहरी इजेंसी करवाई गई है।
आश्रम की लापरवाही
प्रशासन की प्राथमिक जांच में पाया गया है कि दूषित पानी की वजह से ही हैजा हुआ और उसी से ज्यादातर बच्चों की जान गई है। वहीं, प्रशासन ने इस मामले में संस्था द्वारा लापरवाही सामने आई है। संस्था द्वारा एक से दो मौत होने के बाद भी न तो विभाग को सूचना नहीं दी गई थी। वहीं, जांच टीम ने माना कि इसमें आश्रम में मिस-मैनेजमेंट है।
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