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इंदौर उदयपुर के नाम सूची में किए गए शामिल
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उदयपुर को भी वेटलैंड सिटी में किया गया शामिल[/caption]
रामसर कन्वेंशन द्वारा इंदौर शहर को प्रतिष्ठित वेटलैण्ड सिटी घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि को देश और प्रदेश की सफलता बताते हुए इसे मध्यप्रदेश के लिए गर्व का क्षण बताया। शनिवार को जारी की गई 31 वेटलैण्ड शहरों की सूची में इंदौर और राजस्थान के उदयपुर को जगह मिली है।
रामसर द्वारा वेटलैण्ड सिटी की मान्यता देने का यह पहला अवसर है, जब देश के दो शहरों-इंदौर और उदयपुर—को इस सम्मान से नवाजा गया। यह इंदौर के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। बता दें भोपाल के बड़े तालाब को रामसर साइट का दर्जा मिला हुआ है।
इंदौर का पर्यावरण के लिए योगदान सराहनीय
इंदौर ने जलाशयों के संरक्षण, पर्यावरण सुधार, और पक्षियों के लिए आदर्श आवास की स्थिति बनाने में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। शहर में सिरपुर और यशवंत सागर को रामसर साइट के रूप में पहले ही घोषित किया जा चुका है। सिरपुर को बर्ड सैंक्चुअरी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
रामसर साइट और वेटलैण्ड सिटी क्या हैं?
रामसर संधि, जिसे "वेटलैंड्स पर हुई संधि" भी कहा जाता है, 1971 में ईरान के रामसर स्थान पर विश्व के विभिन्न देशों द्वारा हस्ताक्षरित एक अंतर-सरकारी संधि है। यह संधि आर्द्र भूमियों और उनके संसाधनों के संरक्षण के लिए एक ढांचा प्रदान करती है, जिससे इन जलमग्न क्षेत्रों को संरक्षित करने में मदद मिलती है।
सिटी और साइट का दर्जा
पीएम मोदी ने की सराहना
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर और उदयपुर की इस बड़ी उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "इंदौर और उदयपुर को बधाई! यह मान्यता सतत विकास और प्रकृति एवं शहरी विकास के बीच संतुलन बनाने के हमारे दृढ़ संकल्प को दिखाती है। मेरी शुभकामनाएं हैं कि यह उपलब्धि सभी को हमारे देश में हरियाली, स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति अधिक अनुकूल शहरी स्थान बनाने की दिशा में प्रेरित करे।"
वेटलैंड सिटी का महत्व
वेटलैंड सिटी का दर्जा उन शहरों को दिया जाता है जो अपने जल संसाधनों, झीलों और वेटलैंड्स के संरक्षण और समग्र प्रबंधन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। यह मान्यता शहरी और ग्रामीण विकास के बीच पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
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इंदौर और उदयपुर को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगा
केन्द्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि इस मान्यता से इंदौर और उदयपुर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक ब्रांडिंग मिलेगी, जो उनके पर्यावरणीय प्रयासों की सराहना है।
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