Indore Vegan Wedding: मध्य प्रदेश के इंदौर में पशु सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक परिवार ने वीगन शादी करने का फैसला किया है। इंदौर के शाह परिवार ने यह फैसला दूसरी बार लिया है।
18 नवंबर को रिटायर्ड बैंककर्मी गिरीश शाह के बेटी की शादी होनी है, जिसमें मेहमानों को डेयरी प्रोडक्ट्स से बनी डिश नहीं परोसी जाएंगी, जो भी डिश बनेगी वह वीगन होगी।
बता दें, इस वीगन शादी में न तो ढोल नगाड़े बजेंगे, न हीं दूल्हा घोड़ी पर चढेगा। यहां तक कि शादी का इन्विटेशन कार्ड भी नहीं छपवाया गया है। मेहमानों को फोन के माध्यम से हीं या डिजिटली ही निमंत्रण दिया गया है।
परिवार ने मेहमानों से भी वीगन यूज करने की अपील की है, जिसमें लेदर बेल्ट पहनना, सिल्क या ऊन के बजाए कॉटन के कपड़े पहनने की सलाह शामिल है। शाह परिवार का मानना है कि अपने स्वाद या कंफर्ट के लिए हम पशु क्रुरता नहीं कर सकते। वीगन प्रोडक्ट्स बड़ी आसानी से बन जातें हैं औऱ इसे आम आदमी अफॉर्ड भी कर सकता है।
क्या है वीगन प्रोडक्ट्स?
आपको बता दें, वीगन प्रोडक्ट्स वो उत्पाद हैं जिनके बनने के लिए किसी भी तरह से जानवरों से जुड़ी सामग्रियाँ उपयोग नहीं की जातीं। यह प्रोडक्ट्स, प्राकृतिक गुणवत्ता से भरपूर होते हैं और ईको-फ़्रेंडली होते हैं। इन उत्पादों की पैकेजिंग भी पुन: उपयोग में लाने योग्य होती हैं।
वीगन शब्द का मतलब है, पशु उत्पादों का सेवन न करना। इसलिए वीगन लोग, पशुओं से मिलने वाले डाइट्स जैसे दूध, दही, मक्खन, पनीर, शहद, अंडे, और मांस का सेवन नहीं करते हैं।
वीगन को फॉलो करने वाले सिर्फ़ डाइट में ही नहीं, बल्कि उन दवाओं, कपड़ों, या जूतों का भी इस्तेमाल नहीं करते, जिनमें पशु या उनसे जुड़े उत्पादों का प्रयोग किया गया हो। उनकी डाइट में पौधों से बने खाद्य पदार्थ शामिल होतें हैं, जैसे फल-सब्ज़ियां, अनाज, नट इत्यादि।
शादी में बनेगी वीगन दूध, दहीं व पनीर
शाह परिवार में हो रही शादी (Indore Vegan Wedding) में वहीं डिशेज बनाई जाएंगी जिसमें वीगन के विकल्प के रुप में जो चीजें आसानी से उपलब्ध हैं। चौंकाने वाली बात है कि शादी में दूध, दही, पनीर, गुलाब जामुन सब परोसे जाएंगे लेकिन सभी वीगन।
शादी में नॉर्मल घी की जगह वीगन घी, मावे की मिठाई की जगह काजू के प्रोडक्ट्स और नॉर्मल पनीर की जगह टोफू या सोयाबीन का बना पनीर इस्तेमाल होगा।
बैंक से रिटायर होने के बाद बने एनिमल एक्टिविस्ट
गिरीश शाह बताते हैं, बैंक से रिटायर होने के बाद मैं एनिमल एक्टिविस्ट बन गया था, जिसमें पशु क्रुरता के खिलाफ ऑनलाइन कैंपेन भी चलाता था। इसके बाद मैं लोगों को प्रेरित करने के लिए 11 राज्यों के 40 से ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुका हूँ और लोगों से भी अपील है कि फल, सब्जी, अनाज और उनसे बनने वाली खाद्य पदार्थों का उपयोग करें और पूरी तरह वीगन बनें।