Indore Under Ground Metro: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ में मेट्रो ट्रेन को अंडरग्राउंड चलाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मेट्रो ट्रेन प्रबंधन, इंदौर कलेक्टर और नगर निगम को नोटिस जारी किया है। सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी द्वारा 7 जनवरी को दायर याचिका में अंडरग्राउंड मेट्रो निर्माण के पर्यावरण और संरचनात्मक प्रभाव के भारे में चिंता व्यक्त की गई है।
मेट्रो प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की मांग
याचिकाकर्ता किशोर कोडवानी ने शहर के बीचों-बीच भूमिगत खुदाई से होने वाले नुकसान पर प्रकाश डाला है। इसमें विस्तार से बताया गया कि एमजी रोड का भौगोलिक ढलान उत्तर में भानगढ़ और साउथ में देवगुराडिया के बीच 300 फीट है।
कोडवानी ने तर्क दिया कि खुदाई से भूजल संरचना बाधित होगी। इंदौर जिसे पहले से ही भूजल के लिए डार्क जोन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। उन्होंने कहा, भूजल के और अधिक खत्म होने का खतरा है, भले ही इंदौर नर्मदा के पानी पर निर्भर है।
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संरक्षित स्मारकों को होगा नुकसान
कोडवानी ने बताया कि नर्मदा जल की शुरुआत होने के बावजूद शहर की आधा आबादी ग्राउंड वाटर पर निर्भर है। याचिका में कहा गया कि मेट्रो रूट ऐतिहासिक धरोहर स्थल के 100 मीटर के भीतर से गुजरता है, जो संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण और खुदाई को बैन करने वाले नियमों का उल्लंघन है।
पुराने इंदौर का अधिकतर हिस्सा
इस बात पर जोर दिया गया कि किसी भी बुनियादी ढांचे की योजना लागू करने से पहले सर्वे किया जाना चाहिए। किशोर कोडवानी ने कहा कि जिस हिस्से में मेट्रो अंडरग्राउंड चलेगी। वहां का अधिकतर हिस्सा पुराने इंदौर का है।
गांधी हॉल, शास्त्री ब्रिज और राजबाड़ा शामिल हैं। अंडरग्राउंड काम किए जाने पर खुदाई की जाएगी और ब्लास्ट किए जाएंगे। बीच शहर में कई दुकानें भी हैं। इनकी नीव को भी नुकसान होगा। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता कोडवानी को सुनने के बाद मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के एमडी और अन्य को नोटिस जारी किया है।
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