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हाइलाइट्स
इंदौर में ट्रक एक्सीडेंट केस
MP हाईकोर्ट में सुनवाई
हाईकोर्ट ने मांगे CCTV फुटेज
Indore Truck Accident MP High Court: इंदौर में नो एंट्री में ट्रक के कोहराम मचाने के मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। शासन की ओर से स्टेटस रिपोर्ट पेश कर बताया गया कि लापरवाही बरतने वाले 9 लोगों को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ चार्जशीट जल्द पेश कर दी जाएगी।
'सीलबंद कवर में रखी जाए स्टेटस रिपोर्ट'
MP हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि अभी जांच जारी है, इसलिए इस स्टेटस रिपोर्ट को सीलबंद कवर में रखा जाए।
हाईकोर्ट ने मांगे हर एंट्री पॉइंट के CCTV फुटेज
MP हाईकोर्ट ने इंदौर शहर के हर एंट्री प्वाइंट के सीसीटीवी फुटेज पेश करने के निर्देश दिए। मामले में सुनवाई के दौरान इंदौर के पुलिस कमिश्नर वर्चुअली और ट्रैफिक DCP व्यक्तिगत रूप से हाजिर हुए। मामले में अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को इंदौर बेंच में होगी।
15 सितंबर को हुआ था हादसा
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हादसे के बाद ट्रक में लगी थी आग[/caption]
इंदौर में 15 सितंबर की शाम एरोड्रोम इलाके की सड़कों पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने करीब एक किलोमीटर तक कई लोगों और वाहनों को टक्कर मारी थी। हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से पूछा कि ये गंभीर चूक कैसे हुई। कोर्ट ने ये बताने को भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए क्या योजना है। शासन की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली हाजिर हुए।
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नियम पालन से टल जाती घटना
MP हाईकोर्ट ने हादसे को कानून-व्यवस्था और प्रशासन की बड़ी विफलता माना है। अदालत ने कहा कि अगर नियमों का कड़ाई से पालन हुआ होता, तो शायद यह दर्दनाक हादसा टाला जा सकता था। कोर्ट ने गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब सड़क सुरक्षा के सख्त नियम मौजूद हैं, तो इस तरह के हादसे होना बेहद चिंताजनक है।
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MPPSC Mains 2025: हाईकोर्ट ने मेन्स 2025 एग्जाम शेड्यूल को नहीं दी मंजूरी, कहा- दूसरे पक्ष को सुनना जरूरी
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MPPSC Mains Exam 2025 HC Hearing: मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष मंगलवार, 23 सितंबर को एमपी-पीएससी (MPPSC) मुख्य परीक्षा-2025 के मामले की सुनवाई हुई। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission) की ओर से हाई कोर्ट में मुख्य परीक्षा का शेड्यूल पेश कर इसे मंजूर करने का आग्रह किया गया। हाई कोर्ट ने उसे फिलहाल मंजूरी नहीं दी। कोर्ट ने कहा कि दूसरे पक्ष को भी सुनना जरूरी है। इसी के साथ मामले की सुनवाई 9 अक्टूबर तक के लिए स्थगित की दी गई। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
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