इंदौर। Indore Mandir Hadsa Update मध्यप्रदेश के इंदौर के मंदिर हादसे से बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर लापता शव बरामद होने के बाद अब मंदिर हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या 36 हो गई है। बता दें कि, घटनास्थल पर अभी भी बचाव दल का रेस्क्यू अभियान जारी है। इंदौर में #Patelnagar धर्मशाला में अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है।
मायूस हुआ पटेल नगर
आपको बताते चलें कि, पटेल नगर के लिए आज का दिन बेहद दर्दनाक है जहां पर पूरे क्षेत्र में हादसे से मातम पसरा है। वहीं हादसे में जान गंवाने वाले 36 लोगों की अर्थियां आज एक साथ उठेगी। यह नजारा परिवार ही नहीं पूरे इंदौर के लिए दिल दहला देने वाला है।
सामने आया एक साल पुराना नोटिस
आपको बताते चलें कि, बेलेश्वर महादेव मंदिर से जुड़ा पुराना नोटिस सामने आया है जहां पर एक साल पहले ही मंदिर ट्र्स्ट के सेवाराम गलानी को जीर्णोद्धार करने की बात कही थी जिसके लिए नोटिस जारी हुआ था लेकिन कोई काम नहीं होने से आज यह हादसा हुआ है।
सीएम शिवराज ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
हादसे में घायलों का हाल जानने के लिए सीएम शिवराज इंदौरे के दौरे पर है तो वहीं पर प्रदेश भर में खुले बोरवेल और बावड़ी की जांच करने के निर्देश जारी किए गए है। इधऱ अब 35 लोग हादसे में जान गवां बैठे है जिनके लिए भगवान के अंतिम दर्शन मौत की कहानी बन गए। हादसे ने पल भर में ही लोगों की जिंदगी को उजाड़ दिया वहीं पर इस भयावह मंजर की तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे है। जो हुआ अच्छा नहीं हुआ, लोग कह गए भगवान बचा लेते आप।
जुड़वा बहनों को नहीं पता मां कहां है
इंदौर बावड़ी हादसे में इन मासूम जुड़वां बहनों की उजड़ गई दुनिया लेकिन इन्हें कुछ नहीं मालूम! क्या कसूर रहा था इन दो मासूम बच्चियों का बेचारी अभी तक उस हादसे को भुला नहीं पा रही है। बच्चियों की आंखें अपनी मां को तलाश रही है तो वहीं बच्चियों के लिए दुनिया बदल गई है।
😢😢इंदौर बावड़ी हादसे में इन मासूम जुड़वां बहनों की उजड़ गई दुनिया लेकिन इन्हें कुछ नहीं मालूम! क्या कसूर रहा था इन दो मासूम बच्चियों का बेचारी अभी तक उस हादसे को भुला नहीं पा रही है. हम तो यही चाहते है इस हादसे की अच्छे से जांच की जाये.#Indore #IndoreAccident #MadhyaPradesh pic.twitter.com/SDT0d2Cgle
— Sach Ki Aawaj Manoj (@SachKAawajManoj) March 31, 2023
घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे सीएम शिवराज
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा अस्पताल पहुंचे है। बता दें कि, मंदिर में रामनवमी पर बृहस्पतिवार को आयोजित हवन के दौरान पुरातन बावड़ी की छत धंसने से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 35 पर पहुंच गई है। प्रशासन के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सीएम शिवराज ने की घोषणा
यहां पर दर्दनाक हादसे ने जहां पर मध्यप्रदेश को हिला कर रख दिया है वहीं पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के लिए 5-5 लाख रुपये, घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। साथ ही मामले में मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश भी जारी किए गए है।
इंदौर कलेक्टर ने दी जानकारी
इंदौर के जिलाधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी. ने घटनास्थल पर संवाददाताओं को बताया, ‘‘थलसेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की मदद से चलाया जा रहा हमारा खोज अभियान पूरा होने वाला है और अब तक 35 शवों को बावड़ी से निकाला गया है।’’ इलैयाराजा ने बताया कि प्रशासन को लापता लोगों की जो सूची उनके परिजन से मिली थी, उनमें से एक व्यक्ति को छोड़कर सभी लोगों के शव बावड़ी के बाहर निकाले जा चुके हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि बावड़ी में गाद बेहद ज्यादा है और गाद हटाकर लापता व्यक्ति की तलाश की जा रही है। इससे पहले, इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) पवन कुमार शर्मा ने बताया कि हादसे में घायल 16 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि दो अन्य व्यक्तियों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है।
Stepwell collapse at Indore temple | Death toll rises to 35
18 people were admitted to the hospital, out of which 2 people have been discharged. 35 people died. One person is still missing. Army, NDRF & SDRF teams are conducting search & rescue operation: Indore Collector Dr… pic.twitter.com/3Ff6VzAkXs
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 31, 2023
छत सहन नहीं कर सकी थी लोगों का भार
चश्मदीदों ने बताया कि बृहस्पतिवार रात साढ़े 11 बजे के बाद बावड़ी से शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजे जाने का सिलसिला तेज हुआ। थलसेना और एनडीआरएफ के संयुक्त दल को एक क्रेन और ट्रॉली की मदद से बावड़ी में नीचे उतारा गया जिसने शवों को बाहर निकाला। अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के संकरी जगह में बने होने के कारण बचाव कार्य में शुरुआत में बाधा आई और मंदिर की एक दीवार तोड़ कर पाइप इसके भीतर डाला गया और बावड़ी का पानी मोटर से खींचकर बाहर निकाला गया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर में पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी और छत ज्यादा लोगों का बोझ नहीं सहन कर सकी। रहवासियों ने बताया कि मंदिर पुरातन बावड़ी पर छत डालकर बनाया गया था।
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