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हाइलाइट्स
- इंदौर में किसानों ने निकाली भावांतर धन्यवाद रैली।
- भावांतर योजना के लिए सरकार का जताया आभार।
- आयोजन में श्योपुर से वर्चुअली जुड़े सीएम मोहन यादव।
MP Soybean Bhavantar Yojana Indore Kisan dhanyawad Tractor Rally: मध्यप्रदेश के इंदौर में किसानों ने रविवार को एक विशाल ट्रैक्टर रैली निकालकर राज्य सरकार को धन्यवाद दिया। यह रैली सोयाबीन की फसल पर भावांतर योजना के अंतर्गत लाभ मिलने पर आयोजित की गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्चुअली रैली को संबोधित करते हुए इसे किसानों की उम्मीदों की जीत बताया।
इंदौर में रविवार को किसानों ने सोयाबीन भावांतर योजना के तहत लाभ मिलने पर सोयाबीन भावांतर धन्यवाद ट्रैक्टर रैली निकाली। पहले में यह रैली दशहरा मैदान से कलेक्ट्रेट तक प्रस्तावित थी, लेकिन बाद में सुरक्षा और यातायात कारणों से इसे सुपर कॉरिडोर मैदान तक सीमित कर दिया गया।
अन्नदाता की खुशहाली सबसे बड़ी प्राथमिकता
श्योपुर से वर्चुअली जुड़े मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में आयोजित भावांतर धन्यवाद ट्रैक्टर रैली को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों की खुशहाली ही राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भावांतर भुगतान योजना के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया है कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि यदि बाजार में कीमतें गिरती भी हैं, तो सरकार किसानों की आय में कोई कमी नहीं आने देगी। उन्होंने कहा,
"आज किसानों के चेहरों पर जो मुस्कान दिख रही है, वही हमारे प्रयासों की असली सफलता है। इंदौर की सड़कों पर सालों बाद ट्रैक्टरों की ऐसी रैली देखकर गर्व हो रहा है। अन्नदाताओं ने अहिल्या नगरी को सच में धन्य कर दिया है।"
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार निरंतर किसानों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है।
भावांतर योजना: किसानों की आर्थिक सुरक्षा का कवच
मुख्यमंत्री ने कहा कि भावांतर योजना सिर्फ एक भुगतान प्रणाली नहीं, बल्कि यह किसानों की आर्थिक सुरक्षा का कवच है। सरकार सिंचाई, बीज, खाद, भंडारण और विपणन जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं को मजबूत कर रही है ताकि कृषि एक लाभकारी व्यवसाय बन सके।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सोयाबीन का समर्थन मूल्य (MSP) अब 500 रुपए की वृद्धि के साथ ₹5328 प्रति क्विंटल तय किया गया है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
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मध्य प्रदेश में कफ सिरप
किसानों के लिए की गई ये सुविधाएं
- प्रदेशभर में 1700 से अधिक पंजीयन केंद्र खोले गए हैं।
- अब तक 5 लाख से अधिक किसान पंजीयन करवा चुके हैं।
- केवल इंदौर जिले में 35 हजार किसान पंजीकृत हुए हैं।
- 17 अक्टूबर तक पंजीयन की अंतिम तिथि है।
- फसल बेचने के 15 दिन के भीतर भुगतान का लक्ष्य रखा गया है।
कलेक्टरों को निर्देश, किसान जल्द कराएं पंजीयन
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को पंजीयन से लेकर फसल विक्रय तक हर जरूरी सुविधा दी जा रही है। उन्होंने सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि मंडियों में मौजूद रहकर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। साथ ही किसानों से अपील की कि वे सोयाबीन और जैविक खेती के लिए जल्द से जल्द पंजीयन कराएं।
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