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हाइलाइट्स
- इंदौर में बाजार से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने का मामला।
- पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने सीएम मोहन यादव को लिखा पत्र।
- विधायक पुत्र एकलव्य सिंह गौड़ पर कार्रवाई की मांग।
Digvijay Singh Letter on Indore Sheetla Mata Bazar Controversy: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में धार्मिक आधार पर कर्मचारियों को निशाना बनाने का मामला सामने आया है। शीतलामाता बाजार में मुस्लिम कर्मचारियों को दुकानों से हटाने की घटना पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखा है। उन्होंने बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने और रोजगार छीनने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं।
दिग्विजय सिंह का सीएम मोहन को पत्र
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि इंदौर के शीतलामाता मंदिर बाजार में एक सुनियोजित साजिश के तहत मुस्लिम कर्मचारियों को दुकानों से हटाया जा रहा है। उन्होंने बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ के बेटे और हिंदरक्षक संगठन के प्रमुख एकलव्य सिंह गौड़ को इसका जिम्मेदार ठहराया है।
एकलव्य गौड़ पर FIR की मांग
दिग्विजय सिंह ने एकलव्य गौड़ पर FIR दर्ज करने की मांग करते हुए लिखा है कि यदि कार्रवाई नहीं की गई, तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि एकलव्य द्वारा मुस्लिम व्यापारियों को बाजार से हटाने का फरमान जारी किया गया, जिससे दो सौ से अधिक मुस्लिम कर्मचारी अपनी नौकरी गंवा चुके हैं।
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भय का माहौल और साम्प्रदायिक तनाव
पत्र में उन्होंने जिक्र कि शीतलामाता बाजार में डर और असुरक्षा का माहौल बना दिया गया है। व्यापारियों को धमकाया जा रहा है और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इंदौर जैसे शहर में यह स्थिति चिंताजनक है, जहां खुद मुख्यमंत्री जिले के प्रभारी मंत्री हैं।
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पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पत्र में क्या लिखा
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने पत्र में लिखा कि प्रिय डॉ. मोहन यादव जी, मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर शहर में हिंदू और मुसलमान व्यापारियों के बीच साम्प्रदायिकता का जहर बोने वाली घटना की ओर आपका ध्यान दिलाना चाह रहा हूं। जहां सत्ताधारी दल भाजपा के दबाव में पुलिस आरोपियों पर मुकदमा न कर असामाजिक तत्वों को संरक्षण दे रही है। इस घोर निंदनीय घटना की पूरे प्रदेश में ही नही, देश में भी चर्चा हो रही है। साम्प्रदायिक विभाजन करने के प्रयास की रिपोर्टिंग कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मामला पहुंचा दिया है।
मध्यप्रदेश पुलिस की खुफिया शाखा के माध्यम से आपको भी इस घृणित घटनाक्रम का पता चल गया होगा। सत्ताधारी दल के नेताओं के सामने इंदौर पुलिस किस कदर बेबस है, यह एक माह से जारी घटनाक्रम से परिलक्षित होता है। अगस्त 2025 के अंतिम सप्ताह में पूर्व मंत्री स्व. लक्ष्मण सिंह गौड़ और स्थानीय विधायक व पूर्व महापौर मालिनी सिंह गौड के पुत्र एकलव्य गौड ने शीतलामाता मंदिर बाजार, इंदौर के व्यापारियों के साथ बैठक कर उन्हें मुस्लिम कर्मचारियों को दुकान से हटाने का फरमान जारी किया।
साथ ही कहा कि जो भी मुस्लिम व्यापारी दुकानें लगा रहे हैं, उनसे दुकानें खाली करा ली जाएं। एकलव्य गौड़ विधायक पुत्र हिंद रक्षा संगठन नामक संस्था चलाता है और स्थानीय राजनीति में भाजपा विधायक का पुत्र होने के नाते सक्रिय है।
इंदौर कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष हेमा पंजवानी कहते है कि एकलव्य गौड़ के आदेश के बाद व्यापारी मुस्लिम सेल्समैनों को काम से हटा रहे है। भाजपा नेता का कहना है कि मुस्लिम कर्मचारी बाजार में लव जिहाद चला रहे है। जबकि स्थानीय पुलिस का कहना है कि उनके पास ऐसी कोई भी शिकायत अभी तक दर्ज नही है। भाजपा नेता के नफरत भरे बयान से भयभीत मुस्लिम कर्मचारी और व्यापारी रोजी-रोटी छिनने से बेरोजगार हो रहे है। दो सौ से अधिक मुस्लिम वर्ग के कर्मचारी दुकानों से हटा दिए गए है।
यह घोर आश्चर्य का विषय है कि आपके पास न सिर्फ गृह विभाग है बल्कि इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री भी है। आपके प्रभार के जिले इंदौर में साम्प्रदायिकता का इतना घृणित खेल आपकी ही पार्टी का एक विधायक पुत्र कर रहा है और ‘‘देश भक्ति जन सेवा’’ का नारा लगाने वाली पुलिस बेबस और लाचार है। इंदौर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चिंटू चौकसे और शीतलामाता बाजार क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले कर्मचारियों और व्यापारियों ने 15 दिन पूर्व इस घटना का एक ज्ञापन इंदौर संभागायुक्त, आयुक्त पुलिस और डीसीपी को सौंपा था। जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई।
इंदौर में 27 सितम्बर को मैंने एक तटस्थ स्थान पर पीड़ित और प्रताड़ित व्यापारियों के साथ बैठक कर इस घटनाक्रम की वस्तुस्थिति जानी थी। एकलव्य गौड़ का विरोध प्रदर्शन कर अपना पक्ष रखने वाले अल्पसंख्यक व्यापारियों की व्यथा सुनी। मैने भारत के संविधान में निहित आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिये संघर्ष में साथ देने का वादा किया है। इस दौरान जब मैने शीतलामाता मंदिर के दर्शन करने का कार्यक्रम बनाया तो स्थानीय पुलिस ने मुझे बाजार में जाने से रोक दिया।
फिर मैनें स्थानीय नेताओं और व्यापारियों के साथ चर्चा कर स्थानीय थाने में जाकर टी.आई. से बात की। पूर्व में व्यापारियों द्वारा दिए गए ज्ञापन पर अब तक मुकदमा दर्ज नही करने का कारण जानना चाहा। अतिरिक्त पुलिस उप आयुक्त दिशेष अग्रवाल ने बताया कि उनके पास ज्ञापन विगत एक सप्ताह से जांच में लंबित है। आगामी 15 दिन में 6 अक्टूबर तक जांच पूरी कर मुकदमा दर्ज करने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
इंदौर सहित पूरे प्रदेश का सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वाली इस घटना पर आपके स्तर से संज्ञान लेते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 152, 196, 197, 293, 299 सहित अन्य सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश देने का कष्ट करें। पुलिस द्वारा कार्यवाही नही करने की स्थिति में साम्प्रदायिकता फैलाने वाली इस घटना को लेकर मैं पीड़ितों के साथ उनके हक को लेकर न्यायालय में याचिका दायर करूंगा।
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