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हाइलाइट्स
- इंदौर में नो कार डे का आयोजन
- VIP और जनता निकले साइकिल पर
- कार फ्री जोन बना पलासिया रोड
Indore No Car Day 2025: इंदौर को क्लीन सिटी (Clean City) का दर्जा दिलाने के बाद अब नगर निगम ने शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक और पहल की है। सोमवार (22 सितम्बर) को इंदौर में नो कार डे (No Car Day) मनाया जा रहा है। इस अभियान में सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि जनप्रतिनिधि, न्यायाधीश, अधिकारी और शहर के प्रमुख चेहरे भी साइकिल से सफर करते नजर आए। महापौर से लेकर कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर तक ने अपने वाहनों को घर पर खड़ा कर दिया और शहरवासियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया।
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नो कार डे के लिए इंदौर मेयर का आह्वान।[/caption]
गीता भवन से पलासिया तक रहेगा कार फ्री जोन
नगर निगम ने घोषणा की है कि आज गीता भवन से पलासिया तक का क्षेत्र पूरी तरह कार फ्री जोन (Car Free Zone) रहेगा। यहां किसी भी चार पहिया वाहन को अनुमति नहीं दी जाएगी। नागरिकों से अपील की गई है कि वे इस विशेष दिन पर साइकिल, सार्वजनिक परिवहन या पैदल यात्रा को अपनाएं। इस कदम का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह संदेश देना है कि निजी वाहन के बजाय पर्यावरण-मित्र साधनों का उपयोग कितना जरूरी है।
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समाज के हर वर्ग ने इसमें लिया हिस्सा।[/caption]
पिछले साल की तरह इस बार भी बड़ी उम्मीदें
इंदौर में अब हर साल 22 सितम्बर को नो कार डे का आयोजन किया जाता है। 2023 में जब पहली बार यह पहल की गई थी, तब शहर में लगभग 80 हजार लीटर ईंधन की बचत हुई थी और वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) में 18 प्रतिशत सुधार दर्ज किया गया था। इसके बाद 2024 में पेंटिंग प्रतियोगिता, म्यूजिकल इवेंट्स और मैस्कॉट लॉन्च जैसे कार्यक्रमों के साथ अभियान को और विस्तार दिया गया।
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नतीजतन उस साल 1.50 लाख लीटर ईंधन की बचत हुई और वायु गुणवत्ता में 38 प्रतिशत सुधार देखने को मिला। इस सफलता के बाद अब नो कार डे सिर्फ एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन बन चुका है।
साइक्लोथॉन बना आयोजन का मुख्य आकर्षण
इस साल के कार्यक्रम को और खास बनाने के लिए सोमवार की सुबह पलासिया से राजवाड़ा और फिर वापस पलासिया तक साइक्लोथॉन (Cyclothon) का आयोजन किया गया। इसमें नगर निगम अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया। हर उम्र और वर्ग के लोग अपनी साइकिल लेकर सड़कों पर उतरे और पर्यावरण बचाने का संदेश दिया।
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साइक्लोथॉन।[/caption]
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजाया गया ‘नो कार डे’
नो कार डे को सिर्फ यातायात तक सीमित न रखकर इसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भी जोड़ा गया है। गीता भवन से पलासिया रोड तक लाइव पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें कलाकारों ने पर्यावरण संरक्षण से जुड़े संदेश अपनी कूची से उकेरे। इसके अलावा शहर के 56 दुकान क्षेत्र में संगीत संध्या (Musical Evening) का आयोजन हुआ, जहां अधिकारियों और ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने नागरिकों से अपील की कि वे इस दिन कार का उपयोग न करें और अभियान को सफल बनाएं।
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महापौर की नागरिकों से अपील
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शहरवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि इंदौर के लोग हमेशा नए प्रयोगों में आगे रहते हैं और यही वजह है कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के मामले में यह शहर लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे एक दिन के लिए कार का उपयोग न करें और अपनी अगली पीढ़ी के लिए स्वच्छ और प्रदूषण रहित वातावरण का निर्माण करें।
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सुबह महापौर अपने सहयोगियों के साथ साइकिल पर सवार होकर सचिवालय से निकले और पलासिया पहुंचे। इसी तरह हाई कोर्ट के जस्टिस रूसिया सहित अन्य न्यायाधीश भी साइकिल पर बैठकर कोर्ट पहुंचे। जिला कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर और निगम आयुक्त समेत कई अधिकारी कार छोड़कर दो पहियों पर नजर आए। उनके इस कदम से आम नागरिकों को भी प्रेरणा मिली और सड़क पर हर तरफ साइकिल ही साइकिल दिखाई दी।
शहरवासियों बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
शहर के आम लोग भी इस पहल में बढ़-चढ़कर शामिल हुए। कई परिवार बच्चों के साथ साइकिल पर निकले, कुछ ने बस और ऑटो जैसे सार्वजनिक साधनों का इस्तेमाल किया। दुकानदारों और दफ्तर जाने वालों ने भी प्रयास किया कि कार का इस्तेमाल न हो।
Mandsaur Garba: गरबा प्रैक्टिस कर रही थी 23 साल की लड़की, घसीटते हुए ले गई फैमिली, किडनैपिंग की वजह जान चौंक जाएंगे!
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मंदसौर (Mandsaur) में शनिवार (20 सितंबर) रात करीब 10 बजे गरबा (Garba) प्रैक्टिस कर रही एक 23 वर्षीय लड़की का अपहरण (Kidnapping) करने का मामला सामने आया। घटना खानपुरा के भावसार धर्मशाला में हुई, जहां महिलाएं और युवतियां गरबा की तैयारी कर रही थीं। इसी दौरान पांच युवक और दो महिलाएं वहां पहुंचीं और गरबा कर रही युवती को पकड़कर घसीटते हुए अपने पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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