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इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में खासकर झुग्गी बस्तियों में कम उम्र की लड़कियों को यौन अपराधियों से बचाने और महिलाओं के खिलाफ अन्य वारदातों की रोकथाम के लिए इंदौर पुलिस ने सामुदायिक पुलिसिंग का नया प्रयोग शुरू किया है और इसके तहत शहर में महिला स्वयंसेवियों का 40 सदस्यीय दस्ता तैयार किया गया है जो 'स्पेशल 40' के नाम से मशहूर हो रहा है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे ने रविवार को बताया, खासकर झुग्गी बस्तियों में कम उम्र की लड़कियां नशेड़ियों और अपराधियों के निशाने पर रहती हैं। हम महिला स्वयंसेवियों के दस्ते की मदद से उन्हें यौन अपराधों का शिकार होने से बचाना चाहते हैं। उन्होंने बताया, 'स्पेशल 40' दस्ते में 20 से 50 साल की महिला स्वयंसेवकों को शामिल किया गया है और उन्हें शारीरिक प्रशिक्षण के साथ ही स्त्रियों के खिलाफ होने वाले अपराधों से जुड़़े कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी जा रही है।
दस्ता जुटाएगा सूचनाएं...
चौबे ने बताया कि यह दस्ता इन अपराधों की रोकथाम में पुलिस की मददगार इकाई के रूप में खुफिया सूचनाएं जुटाएगा और जरूरत पड़ने पर पर्व-त्योहारों के आयोजनों, मेलों व अन्य जमावड़ों में इसकी तैनाती की भी जा सकेगी। उन्होंने बताया, 'हमने स्पेशल 40 दस्ते की सदस्यों को विशेष वर्दी और वॉकी-टॉकी भी दिया है। अधिकारी ने बताया कि यह दस्ता झुग्गी बस्तियों में जाकर कम उम्र की लड़कियों को 'अच्छे स्पर्श, बुरे स्पर्श' की जानकारी देगा और उन्हें सिखाएगा कि यौन हमले के वक्त उन्हें किस तरह अपना बचाव करना चाहिए। उन्होंने बताया, 'हाल के दिनों में शहर में नाबालिग लड़कियों के घर से भागकर असामाजिक तत्वों के चंगुल में फंसने की घटनायें सामने आई हैं और जरूरत पड़ने पर स्पेशल 40 दस्ता कम उम्र की लड़कियों को परामर्श भी देगा ताकि ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।'
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