अखिल सैन, इंदौर। प्रदेश के इंदौर शहर में मासूम बच्चों का अपहरण कर भिक्षावृत्ति करवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। खजराना थाना पुलिस ने रीना नाम की महिला को गिरफ्तार कर पांच बच्चों को बरामद किया है। दो बच्चे छह दिन पूर्व ही खजराना थाना छेत्र के शाहीबाग से अगवा हुए हैं। तीन बच्चियों के माता-पिता की जानकारी जुटाई जा रही है। महिला बच्चों को ट्रेनिंग देकर ट्रैफिक सिग्नल और मंदिरों के बाहर भीख मंगवाती थी।
यह है पूरा मामला…
दरअसल 2 दिन पहले शाहीबाग निवासी शेख अनवर का आठ वर्षीय बेटा अरमान और 10 साल की बेटी हुस्ना लापता हो गए थे। जिसकी शिकायत परिजनों ने पुलिस से की थी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बच्चों की तलाश शुरू की। तभी पुलिस को सूचना मिली कि बच्चे नौलखा क्षेत्र में एक महिला के साथ देखे गए हैं। सूचना पर पुलिस ने 45 वर्षीय रीना को गिरफ्तार किया और महिला के कब्जे से अरमान और हुस्ना के अलावा तीन बच्चियां को बरामद किया। जिनके माता-पिता का पता नहीं चल पाया है। उनकी जानकारी जुटाई जा रही है। टीआई के मुताबिक पूछताछ में रीना ने पहले खुद को बच्चों की मां बताया, लेकिन उम्र का अंतर देख उसकी बात गले नहीं उतरी। उसके पति को बुलाया तो उसने कहा कि वह रीना को 1999 में ही छोड़ चुका है। पुलिस ने बच्चों को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द किया। उससे बच्चों और अपहरण के तरीके के बारे में पूछताछ चल रही है।
पुलिस ने दी जानकारी
खजराना थाना के टाआई दिनेश वर्मा ने बताया कि फरियादी शेख अनवर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वह फेब्रिकेशन का काम करता है। उसकी पत्नी भी साथ नहीं रहती है। बच्चों के खाने की व्यवस्था कर वह काम के सिलसिले में चला जाता है। बच्चे इसके पूर्व भी महिला के पास जा चुके हैं। 30 सितंबर को महिला बच्चों को रिक्शा में बैठाकर ले गई। उन्हें गंदे कपड़े पहनाए और धर्मस्थलों व ट्रैफिक सिग्नलों पर भिक्षावृत्ति के लिए मजबूर किया। बच्ची ने बताया कि महिला उन्हें ओंकारेश्वर भी ले गई थी। वहां पांच दिन भीख मांगी। बच्ची मना करती तो भाई को ट्रक के नीचे धकेल कर मारने की धमकी देती थी। फिलहाल महिला से पुलिस पूछताछ कर रही है।