हाइलाइट्स
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इंदौर शहर में 6 हजार ई-रिक्शा सड़क पर रोज चलते हैं
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ट्रैफिक समस्या का समाधान करने ई-रिक्शा के रूट तय
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ई-रिक्शा संचालकों में प्रशासन के निर्णय पर आक्रोश
इंदौर। Indore News: इंदौर शहर ने स्वच्छता के मामले में देश में अपना 7वीं बार लोहा मनवाया है। स्वच्छता के मामले में इंदौर शहर की चर्चा देश ही नहीं अपितु पूरी दुनिया में चर्चा होती है।
लेकिन ट्रैफिक के मामले में इंदौर पिछड़ रहा है। ट्रैफिक के मामले में अब भी इंदौर चुनौतियों से जूझ रहा है।
इस बीच में (Indore News) इंदौर में ई-रिक्शा की बढ़ती तादाद भी प्रशासन के सामने टेंशन खड़ी कर रही है। इसके लिए प्रशासन ने अब ई-रिक्शा के रूट तय करने का फैसला लिया है।
वहीं जल्द ही इंदौर में नए ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन पर भी रोक लगा दी जाएगी।
इस फैसले को लेकर प्रशासन और ई-रिक्शा संचालक आमने-सामने नजर आ रहे हैं।
ई-रिक्शा के रूट तय
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी (Indore News) इंदौर ने स्वच्छता के मामले में तो लगातार सातवीं बार नंबर वन का स्थान हासिल कर लिया है,
लेकिन (Indore News) इंदौर में ट्रैफिक की टेंशन कम होने का नाम नहीं ले रही है। लगातार बिगड़ती यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अब
जिला प्रशासन ने ई-रिक्शा पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। इसके लिए प्रशासन ने ई-रिक्शा के अलग-अलग रूट तय किए हैं।
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रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने पर विचार
जिला प्रशासन अब नए ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने पर भी विचार कर रहा है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और
कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि इन फैसलों के पीछे बड़ी वजह यही है कि ई-रिक्शा की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है
और इसी वजह से कई क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है।
ई-रिक्शा संचालकों में आक्रोश
इधर जिला प्रशासन के इस फैसले को लेकर ई-रिक्शा संचालकों में आक्रोश है। ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि (Indore News) इंदौर में महिलाएं भी ई-रिक्शा चलाकर अपने घर का गुजारा करती हैं।
कुछ बुजुर्ग भी हैं जो ई-रिक्शा के जरिए अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। रूट अलग-अलग करने से पैसेंजर की संख्या में कमी आ सकती है।
जिसका असर ई-रिक्शा चालकों की आजीविका पर पड़ेगा, इतना ही नहीं ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि
अगर प्रशासन अपने निर्णय पर अड़ा रहा तो ई रिक्शा संचालक हड़ताल भी कर सकते हैं।
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6 हजार ई-रिक्शा
बता दें कि (Indore News) इंदौर में लगभग रजिस्टर्ड ई-रिक्शा की संख्या 6 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा हैं। ई-रिक्शा रूट तय नहीं होने से व्यस्ततम इलाकों में जाते हैं तो जाम लग जाता है।
ई-रिक्शा के चलते जाम की स्थिति बनी रहती है, वहीं ई-रिक्शा की बढ़ती तादाद भी ट्रैफिक की टेंशन बढ़ा रही है,
ऐसे में जिम्मेदारों के सामने अब ट्रैफिक की टेंशन को कम करने और ई-रिक्शा संचालकों की नाराजगी को दूर करने की दोहरी चुनौती है।