इंदौर। जिले में सड़क हादसे में क्लेम का एक अनूठा मामला सामने आया है, हादसे में जान गंवाने वाली बहू का 82 लाख रुपए मुआवजा सास के खाते में जमा होगा, सड़क हादसे में बेटे की भी मौत हो गई थी। उन्हें दोनों के क्लेम का 1.31 करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाएगा।
बेटा-बहू की सड़क दुर्घटना में हुई थी मृत्यु
मामला स्कीम-94 में रहने वाले आयुष और उनकी पत्नी श्वेता दीक्षित की मौत से जुड़ा है। आयुष और श्वेता की शादी तीन साल पहले हुई थी। उनकी संतान नहीं थी। दोनों 16 नवंबर 2016 की रात 1.30 बजे होटल से खाना खाकर लौट रहे थे। उनकी कार बॉम्बे हॉस्पिटल चौराहे के पास खड़े कंटेनर में घुस गई थी।
देवर ने कोर्ट में लगाया था केस
श्वेता की सास मालती देवी, ससुर गौरीशंकर दीक्षित और देवर दिव्यांश ने कोर्ट में क्लेम केस लगाया। आयुष की मौत के एवज में 1.10 करोड़ रुपए और बैंक मैनेजर पत्नी श्वेता की मौत के मामले में 1.20 करोड़ रुपए का क्लेम मांगा गया था। मालती देवी की ओर एडवोकेट राजेश खण्डेलवाल ने दावा किया कि कंटेनर ड्राइवर की गलती थी। उसने बिना इंडीकेटर और बैक लाइट जलाए लापरवाही से कंटेनर खड़ा किया था। इस कारण आयुष की कार टकरा गई।
इंश्योरेंस कंपनी के एडवोकेट का तर्क
कंटेनर मालिक की ओर से इंश्योरेंस कंपनी के एडवोकेट ने तर्क दिया कि कंटेनर साइड में ही खड़ा था। आयुष काफी तेज रफ्तार और लापरवाही से कार चला रहा था। घटना के समय कार की लाइट चालू थी। चौराहे की सारी लाइट्स जल रही थी। ऐसे में पीछे से टकराने पर कंटेनर ड्राइवर की कोई गलती नहीं है।
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