Indore Mandi Bhav: इंदौर की चोइथराम मंडी में लहसुन के दामों में अचानक गिरावट के कारण किसान और व्यापारी आमने-सामने आ गए हैं। किसानों का आरोप है कि व्यापारी उनसे कम दाम में लहसुन खरीदकर इसे कोल्ड स्टोरेज में जमा कर रहे हैं और बाद में ऊंचे दाम पर बेचकर मुनाफा कमाएंगे। वहीं नाराज किसानों ने आढ़त प्रथा और निजी मंडी एक बार फिर से शुरू करने की मांग की है।
हफ्तेभर में 6-7 हजार रुपए तक गिरे भाव
किसानों ने बताया कि पिछले हफ्ते लहसुन के भाव 28 से 30 हजार रुपए प्रति क्विंटल थे, लेकिन शनिवार को ये रेट गिरकर 23 से 24 हजार रुपए प्रति क्विंटल हो गए। व्यापारियों का कहना है कि मंदसौर मंडी में भी लहसुन के दाम गिरे हैं। इस पर किसानों ने बताया कि वहां केवल 500 से 700 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है। जबकि इंदौर में 5 से 7 हजार रुपए तक की भारी गिरावट कर दी गई है।
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किसानों ने की आढ़त प्रथा और निजी मंडियों की मांग
किसानों का कहना कि बड़े व्यापारी लेवालों के जरिए कम दाम में माल खरीदते हैं और इसे गोदाम में जमा कर लेते हैं। भाव बढ़ने पर ये माल ऊंचे दामों पर बाजार में बेचा जाता है। इसका सीधा नुकसान किसानों को होता है।
किसानों का कहना है कि हम किसान दिन-रात मेहनत करते हैं और महंगे भाड़े पर लहसुन मंडी तक पहुंचाते हैं, लेकिन सारा मुनाफा व्यापारियों के हाथ चला जाता है। नाराज किसानों ने मांग की है कि आढ़त प्रथा को दोबारा शुरू किया जाए और निजी मंडियों को फिर से चालू किया जाए ताकि उन्हें उचित फसल का मूल्य मिल सके। किसानों ने सरकार से भी मांग की है कि प्रदेश सरकार व्यापारियों की इस मनमानी पर अंकुश लगाए।
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