Indore Land Scam: आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की इंदौर यूनिट ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर विजय सावलकर समेत 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
आरोप है कि इन लोगों ने इंदौर के रेडिसन होटल से खजराना के बीच रोबोट चौराहा के पास स्थित 11,732 वर्गफीट सरकारी जमीन पर निजी नक्शा मंजूर करवाया। 7 साल की जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने सभी आरोपियों को धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेरफेर और आपराधिक साजिश का दोषी पाया है।
2018 में हुई थी शिकायत
ईओडब्ल्यू के अनुसार, इस मामले में 2018 में शिकायत दर्ज की गई थी। उस समय नक्शा पास करने के लिए आवेदन आया था, जिसके बाद ही इस गड़बड़ी का पता चला। शुरुआत में दस्तावेजों के आधार पर केस दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में उस समय के अधिकारियों की भूमिका की जांच की गई। अब इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को नामजद किया गया है।
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जांच में क्या सामने आया
जांच में पाया गया कि रेडिसन होटल से खजराना की ओर जाने वाली सड़क पर बहुमंजिला इमारत का नक्शा पास किया गया था। आरोप है कि इस जमीन का कुछ हिस्सा सरकारी था, लेकिन फर्जी दस्तावेज पेश कर नक्शा मंजूर करवाया गया। जांच के बिना ही अधिकारियों ने लेआउट प्लान को मंजूरी दे दी।
कौन हैं आरोपी
इस मामले में पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर विजय सावलकर, जो अब रिटायर हो चुके हैं, के अलावा तत्कालीन सहायक संचालक आरके सिंह, वरिष्ठ सर्वेयर विवेक देवधर, जमीन मालिक राकेश जैन, किशोर सोनी और इंजीनियर शत्रुघ्न कस्तूरिया को आरोपी बनाया गया है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
ईओडब्ल्यू ने इस मामले में धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेरफेर और आपराधिक साजिश के आरोप में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत केस दर्ज किया है। इस मामले की जांच एसपी रामेश्वर सिंह यादव के निर्देशन में की गई थी। जांच में पाया गया कि सरकारी जमीन में हेरफेर कर निजी हितों को बढ़ावा दिया गया।
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