/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/Indore-JAYS-Protest.webp)
Indore JAYS Protest
हाइलाइट्स
इंदौर में जयस छात्रों का प्रदर्शन शुरू
तीन साल से नहीं मिली छात्रवृत्ति
हॉस्टल भत्ता और दिव्यांग भत्ता बंद
Indore JAYS Protest: इंदौर में जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) छात्र संगठन ने छात्रवृत्ति, हॉस्टल भत्ता और शैक्षणिक योजनाओं में अव्यवस्था के खिलाफ मंगलवार को इंदौर में बड़ा प्रदर्शन शुरू किया। सैकड़ों की संख्या में छात्र टंट्या भील चौराहे से पैदल मार्च करते हुए कलेक्टर ऑफिस पहुंचे और वहीं जमीन पर बैठकर नारेबाजी करने लगे।
जयस छात्र संगठन के जिला अध्यक्ष पवन अहिरवाल ने कहा कि, 2022 से 2025 तक एससी-एसटी वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति नहीं आई है। इस वजह से निजी कॉलेज मनमानी कर रहे हैं और छात्रों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया जा रहा है।
पहले स्टेशनरी के लिए पैसा मिलता था, लेकिन अब वह भी बंद कर दिया गया है। दिव्यांग विद्यार्थियों का भत्ता भी खत्म कर दिया गया है। आदिम जाति कल्याण विभाग का फंड दूसरे विभागों में ट्रांसफर किया जा रहा है।
[caption id="attachment_929595" align="alignnone" width="1022"]
जयस कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय जाते हुए।[/caption]
एग्जाम में बैठने में असमर्थ छात्र
प्रदर्शन में शामिल छात्रा लक्ष्मी चौहान ने कहा कि पिछले तीन साल से छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है। कॉलेज समय पर फीस जमा करने का दबाव डालते हैं। अगर फीस नहीं भरी तो परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाता।
छात्र रंगा प्रसाद मौर्य ने बताया कि छात्रवृत्ति न मिलने के कारण हम फीस नहीं भर पा रहे हैं, जिससे एग्जाम फॉर्म भी अप्रूव नहीं हो रहा है। हमारे माता-पिता हमें पढ़ाई के लिए इंदौर भेजते हैं, मजदूरी करके। यहां रहना और खाना भी महंगा है, ऐसे में गरीब छात्र कैसे पढ़ाई कर पाएंगे, जब छात्रवृत्ति भी नहीं मिल रही है।
छात्रों की मांगें
- साल 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के हजारों छात्रों की छात्रवृत्ति राशि अब तक जारी नहीं की गई है।
- MPTASK पोर्टल पर हॉस्टल भत्ते की प्रक्रिया पिछले तीन सालों से ठप है, जिससे आदिवासी और ग्रामीण छात्रों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है।
- दिव्यांग छात्रों का भत्ता पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
- स्टेशनरी योजना के बंद होने से सरकारी कॉलेजों के छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
- छात्रवृत्ति न मिलने के कारण कई विश्वविद्यालय छात्रों को परीक्षा से वंचित कर देते हैं, जो शिक्षा के अधिकार पर सीधा हमला है।
- निजी कॉलेजों द्वारा अवैध शुल्क वसूली की शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
- राज्य के सरकारी स्कूलों में मिलने वाली छात्रवृत्ति और स्टेशनरी योजनाएं भी बंद कर दी गई हैं।
सोशल मीडिया पर की गई अपील
संगठन का कहना है कि इन समस्याओं के चलते आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई जारी रखने में मुश्किल हो रही है। कई स्टूडेंट्स फीस न चुका पाने के कारण ड्रॉपआउट होने पर मजबूर हैं। संगठन सभी मांगों को जल्द पूरा करने की मांग करेगा। बता दें कि सोशल मीडिया पर कई छात्र नेताओं ने छात्रों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें