MP High Court: इंदौर जिला एवं सत्र न्यायालय के एक जज ने कनाडिया थाना क्षेत्र में एक महीने पहले लूट से संबंधित प्रकरण दर्ज करवाया था।
पुलिस ने एक युवक के खिलाफ लूट का प्रकरण दर्ज कर युवक को जेल भेज दिया था। एक महीने बाद लूट के कथित आरोपी युवक को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने जमानत दे दी है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कई ऐसे सबूत पेश करें हैं जो जमानत के आधार के लिए पर्याप्त माने गए हैं।
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कहां से शुरू हुआ था पूरा मामला
हाई कोर्ट में शैलेंद्र नागर (कथित आरोपी युवक) का पक्ष रखने वाले वकील मनीष यादव और करण बैरागी ने जानकारी दी है कि ‘घटना शैलेंद्र की किराना दुकान के सामने ही घटित हुई थी।
हमने अदालत में घटना की रात के सीसीटीवी फुटेज पेश किए थे। इनमें साफ दिख रहा है कि शैलेंद्र की कार को कट मारने के बाद न्यायाधीश ने उन्हें रोका।
वे दो पहिया वाहन से कार के पास आए। शैलेंद्र ने कार का शीशा नीचे कर उनसे बात भी की। ये पूरी रिकॉर्डिंग में कहीं भी लूट जैसी घटना नहीं दिख रही है। सामान्य कहासुनी और विवाद को लूट का नाम दे दिया गया है।’
CCTV फुटेज में नहीं दिखी लूट
हाई कोर्ट (MP High Court) ने शैलेंद्र की जमानत स्वीकार करते हुए फैसले में लिखा ‘सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि केवल मारपीट हुई थी। इस फुटेज में लूट जैसा कुछ नहीं दिख रहा है।\
अभियुक्त का कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी कभी दर्ल नहीं है। घटनास्थल उसकी दुकान के ठीक सामने है। ऐसी स्थिति में अभियुक्त को जमानत दी जाती है।’
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