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Indore Development Authority News: इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा बेचे गए प्लॉट का बाद में नामांतरण किए जाने के एवज में आवेदक से मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे। हाईकोर्ट की डिवीजन शाखा ने बीते दिनों शुल्क वसूले जाने के खिलाफ आदेश पारित किए थे। इस आदेश को IDA ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने भी याचिका खारिज कर दी।
जमा कराने के नोटिस जारी
बता दें नगर निगम, प्रशासन, हाउसिंग बोर्ड द्वारा नामांतरण किया जाता है। यह संस्था नाममात्र की फीस वसूलती है। IDA प्लॉट की कीमत का 6% तक नामांतरण शुल्क वसूलता था। प्राधिकरण ने 70 हजार वर्गफीट के एक जमीन का नामांतरण शुल्क नियम के खिलाफ 6% गाइडलाइन के मुताबिक जमा कराने के नोटिस जारी किए थे।
प्लॉट मालिकों को होगा फायदा
हाईकोर्ट की डिविजन शाखा ने अपने आदेश में कहा कि अधिकतम पांच हजार रुपये से अधिक नामांतरण शुल्क IDA वसूल नहीं सकता। प्राधिकरण ने उच्च न्यायालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
अधिवक्ता पंकज खंडेलवाल के अनुसार, आईडीए जब प्लॉट बेचता है तो शुल्क पहले ही लेता है। दूसरी बार नामांतरण करने पर 6% फीस अव्यवहारिक फैसला था। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद हजारों की संख्या में प्लॉट मालिकों को फायदा होगा।
हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
प्राधिकरण ने नामांतरण शुल्क की राशि 3 फीसदी तय कर दी। जिस प्रकरण को लेकर कोर्ट में मामला गया था, उसमें 6 फीसदी तक अंतरण शुल्क और नामांतरण की राशि वसूल करने का नोटिस जारी किया। IDA ने शुल्क की राशि गाइडलाइन के मुताबिक 6 फीसदी जमा कराने को कहा था, जिसे फर्म की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
3 फीसदी का संकल्प पारित किया गया था
इसमें कहा गया कि मध्यप्रदेश नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम 2018 और 2021 में हुए संशोधन के अनुसार, 0.25% या 5 हजार रुपये जो ज्यादा है। उतनी ही रकम नामांतरण शुल्क वसूली जा सकती है।
हालांकि प्राधिकरण ने 2019 में संकल्प पारित किया था, जिसके मुताबिक जो संपत्ति 1975 में बेची गई। उस पर 3% नामांतरण शुल्क और 2013 के बाद बिकी हुई प्रॉपर्टीज पर 1% व उसी के अनुरूप फीस लेना तय किया गया था। हाईकोर्ट ने इंदौर विकास प्राधिकरण के नोटिस को नियम विरुद्ध बताया है।
लाखों रुपये की होगी बचत
अगर किसी जमीन की कीमत 15 लाख है तो 6 फीसदी के हिसाब से 90 हजार रुपये नामांतरण शुल्क बनता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब 5 हजार रुपये देने होंगे। अब नामांतरण शुल्क की अधिकतम राशि अब पांच हजार रुपये तय हो गई है, भले की प्लॉट की साइज कितनी भी हो।
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