Begging Banned in Indore: इंदौर को भिक्षुक मुक्त करने के लिए प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है। कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रतिबंधात्मक धारा में आदेश जारी किया। अगर कोई भीख मांगने वाले की सूचना देता है तो उससे एक हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा।
कलेक्टर ने जारी किया आदेश
कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से बैन किया जाता है। भीख देना या उनसे किसी प्रकार के सामान को खरीदना प्रतिबंधित किया जाता है, जो व्यक्ति भिक्षा देता है उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
कॉल कर देनी होगी जानकारी
अगर कोई भिक्षावृत्ति करता पाया जाता है, तो उसकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा को 9691494951 पर दे सकता है। सूचना सही पाई जाती है तो संबंधित व्यक्ति को एक हजार रुपये की प्रोस्ताहन राशि दी जाएगी।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इसका उल्लंघन करने वाले के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।
रेस्क्यू कर सेवाधाम आश्रम भेजा
शहर में भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए विभिन्न विभागों के दल गठित किए गए हैं। अब तक 354 व्यक्तियों को रेस्क्यू कर सेवाधाम आश्रम और 45 बच्चों को बाल देखरेख संस्थान भेजा गया है।
भिखारियों पर प्रतिबंध लगाए जाने के अभियान का असर सड़कों पर दिखाई देने लगा है। मंदिरों के बाहर भिखारियों की कतार कम होने लगी है। हालांकि कई स्थानों पर भिखारी दिखाई देते हैं।
इन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने ऐलान किया है। अब कोई व्यक्ति भिखारियों की सूचना देगा तो उसे एक हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। इस इनाम का उद्देश्य जनता को भीख न देने के लिए जागरूक करना है। वहीं, भिखारियों पर भीख न लेने का दबाव पड़ेगा।
शनि महाराज का दान भी प्रतिबंधित
इंदौर में भिखारी मुक्त करने का अभियान तेज हो गया है। शनि महाराज का दान मांगने वालों को पकड़ा जाएगा। सिग्नलों पर लगे कैमरों के जरिए भिखारियों की निगरानी की जाएगी।
यह भी पढ़ें-