Indore Businessman Murder Update: इंदौर में शनिवार, 23 अगस्त की सुबह कारोबारी चिराग जैन की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। मर्डर करने के लिए चिराग का बिजनेस पार्टनर विवेक जैन अपने घर से ही चाकू लेकर आया था। विवेक ही पत्नी शिल्पा ने बताया कि वे घर से सिर्फ य कहकर निकले थे कि मॉर्निंग वॉक पर जा रहा हूं। चिराग जैन मूल रूप से भिंड जिले की अमायन तहसील के रहने वाले थे। रविवार, 24 अगस्त को चिराग का ग्वालियर में अंतिम संस्कार किया गया।
यहां बता दें, आरोप विवेक जैन मृतक चिराग जैन का बिजनेस पार्टनर है। वारदात के 7 घंटे बाद चिराग की पत्नी पूनम ने विवेक के खिलाफ FIR दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने विवेक की पत्नी शिल्पा जैन से पूछताछ की, लेकिन विवेक जैन फरार है।
बराबरी के पार्टनर थे, विवाद भी सुलझ गया था
पूनम ने बताया कि चिराग और विवेक की अरिहंत सेल्स के नाम से स्प्रिंकलर की फर्म थी। जिसमें सैनिक और समृद्धि ब्रांड के स्प्रिंकलर बनाते थे। इस कंपनी में दोनों बराबरी के पार्टनर थे। चिराग और विवेक दोनों के बीच कारोबारी विवाद था।
पुनम की मानें तो 2 महीने पहले विवाद सुलझा लिया गया था। तब से उनके कारोबार अलग-अलग थे। फिर भी विवेक, उसके पिता महावीर प्रसाद जैन, भाई राकेश जैन, मनोज जैन और मुलू जैन, चिराग को तंग करते थे। वे फोन लगाकर अपशब्द कहते थे।
दोनों में 12 साल चली पार्टनरशिप
विवेक और चिराग दोनों ही मूल रूप से भिंड के रहने वाले थे। दोनों ही परिवार के साथ बिजनेस करने इंदौर आए थे।
यहां 12 साल पहले उन्होंने डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी खोली थी। चिराग ऑफिस और मैनेजमेंट का काम देखता था जबकि विवेक डिस्ट्रीब्यूटर बनाने के लिए फील्ड का काम करता था। आगर, मालवा, बड़नगर, सनावद, खंडवा, खरगोन सहित अन्य शहरों में उनके 350 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर थे।
प्रॉपर्टी को लेकर था विवाद
दोनों के बिजनेस का टर्नओवर 25 से 30 करोड़ के बीच था। कारोबार बढ़ाने के लिए दोनों ने लोन लिया था। इसके लिए विवेक ने अपनी प्रॉपर्टी को गिरवी रखा था।
दो साल पहले चिराग ने फ्लैट खरीद लिया था, जबकि विवेक बैंक में गिरवी रखी अपनी प्रॉपर्टी को छुड़ाना चाहता था। यहीं से दोनों के बीच विवाद शुरू हुआ था।
आरोपी विवेक जैन का वीडियो सामने आया
आरोपी विवेक जैन का एक वीडियो सामने आया है। हालांकि, यह कुछ दिन पहले का है। इसमें विवेक बोल रहा है- मैं पिछले 12 साल से इंदौर में अरिहंत सेल्स में चिराग जैन के साथ पार्टनर हूं। कंपनी में मेरी 50% हिस्सेदारी है। मेरी संपत्ति भी इसमें लगी हुई है, जिसका अब तक निपटारा नहीं हुआ है।
चिराग जैन ने मेरे साथ बेईमानी की है। कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन ना तो उन्होंने समझा और ना ही कोई समाधान निकाला।
अब हालात यह है कि उन्होंने मुझे कंपनी से बाहर कर दिया है। ऑफिस में भी घुसने नहीं देते हैं। जब मैं हिसाब की बात करता हूं तो वह कोई जवाब नहीं देते हैं।
उल्टा, उन्होंने ऑफिस में बाउंसर रख दिए हैं, जो मुझे अंदर नहीं जाने देते।