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Indore BRC Rishwat Case: MP में नहीं सुधर रहे रिश्वतखोर, अब 30 हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया बीआरसी, इसलिए मांगी थी घूस

भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की मुहिम के बावजूद मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। इंदौर से सामने आए ताजा मामले में लोकायुक्त ने स्कूल शिक्षा विभाग के बीआरसी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।

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Vikram Jain
Indore BRC Rishwat Case: MP में नहीं सुधर रहे रिश्वतखोर, अब 30 हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया बीआरसी, इसलिए मांगी थी घूस

हाइलाइट्स

  • इंदौर में शिक्षा विभाग का BRC रिश्वत लेते गिरफ्तार।
  • लोकायुक्त टीम ने 30 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।
  • स्कूल की मान्यता नवीनीकरण के लिए मांगी थी रिश्वत।
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Indore BRC Neeraj Garg bribery case Lokayukta action: मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। इसके बावजूद कई सरकारी अफसर और कर्मचारी रिश्वतखोरी से बाज नहीं आ रहे। सरकारी कार्यालयों में रिश्वत का खेल जारी है। ताजा मामला इंदौर का है, जहां लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के बीआरसी को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। अधिकारी ने बीआरसी ने स्कूल की मान्यता रिन्यू कराने के लिए स्कूल संचालक से 80 हजार रुपए की डिमांड की थी। इतना ही नहीं वह पहली किस्त के 50 हजार रुपए भी ले चुका था। इस कार्रवाई के बाद स्कूल शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।

स्कूल की मान्यता रिन्यू कराने मांगी रिश्वत

दरअसल, इंदौर के एरोड्रम स्थित द सेंट पीटर्स कॉन्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल के संचालक रामविलास गुर्जर ने लोकायुक्त इंदौर के एसपी राजेश सहाय को शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि स्कूल की मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया में खंड स्रोत समन्वयक (BRC) नीरज गर्ग इंदौर अर्बन-1 ने उससे 80 हजार रुपए की रिश्वत की डिमांड की है।

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पहली किश्त किसी और को दिलवाई

शिकायतकर्ता रामविलास गुर्जर ने बताया कि BRC ने स्कूल की मान्यता नवीनीकरण के एवज में रिश्वत की मांग की है। मामले की जांच के लिए जब गुर्जर की गर्ग से बात करवाई गई, तो उसने 50,000 पड़ोस के ओएसिस स्कूल में कार्यरत कर्मचारी कमल सिंह वीरजी को देने के लिए कहा। इसके बाद शिकायतकर्ता ने 25 अगस्त को यह राशि वीरजी को दे दी। इसके बाद रिश्वत की 30,000 की दूसरी किश्त 26 अगस्त को देना तय किया गया। जिसे इस बार गर्ग स्वयं लेने को तैयार हो गया।

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दूसरी किश्त लेने पहुंचा BRC, लोकायुक्त ने पकड़ा

लोकायुक्त ने शिकायत की गंभीरता को देखते हुए तुरंत ट्रैप टीम गठित की और आरोपी को पकड़ने की जाल बिछाया। योजना के तहत नीरज गर्ग ने स्कूल संचालक रामविलास गुर्जर को रिश्वत की दूसरी किश्त 30,000 लेकर कालानी चौराहे पर मिलने के लिए देर शाम को बुलाया। जैसे ही गुर्जर ने पैसे गर्ग को दिए तो पहले से घात लगाए लोकायुक्त की टीम ने मौके पर दबिश देकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।

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आरोपी अधिकारी के खिलाफ केस

लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई में आरोपी नीरज गर्ग के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

ट्रैप दल में कौन-कौन थे?

  • एसपी: राजेश सहाय
  • डीएसपी: सुनील कुमार तालान
  • निरीक्षक: आशुतोष मिठास
  • प्रधान आरक्षक: प्रमोद यादव
  • आरक्षक: आशीष नायडू, कमलेश परिहार, रामेश्वर निंगवाल, सतीश यादव
  • चालक: शेर सिंह ठाकुर
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