इंदौर। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित Indore Bhaiu Maharaj Case भय्यू महाराज सुसाइड केस में इंदौर की जिला कोर्ट ने केयरटेकर पलक, मुख्य सेवादार विनायक और शरद को दोषी ठहरा कर तीनों आरोपियों को 6-6 साल की सजा सुनाई है। मामले में सेवादार विनायक की जमानत को लेकर आरोपी के वकील सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट में विनायक की जमानत के लिए आरोपी के वकील धर्मेंद्र गुर्जर ने एक आवेदन पेश किया गया था। जहां सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 6 महीने में खत्म करने की बात कही थी, लेकिन कोरोना के कारण सर्वोच्च न्यायालय ने फिर से 6 महीने का समय दिया था। पूरे मामले में अभियोजन ने 32 गवाह कोर्ट के समक्ष पेश किए। भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी, बेटी कुहू और बहन समेत डॉ पवन राठी के बयान भी हो चुके हैं। बता दें कि भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को अपनी कनपटी पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी।
खबर एक नजर —
- बहुचर्चित भय्यू महाराज आत्महत्या मामला
- न्यायालय ने तीनों आरोपियों को सुनाई सजा
- तीनों दोषियों को 6-6 साल की सजा
- केयरटेकर पलक, सेवादार विनायक और ड्राइवर शरद को सजा
- मामले में 60 से अधिक लोगों के दर्ज हुए थे बयान
- 12 जून 2018 को सिल्वर स्प्रिंग में खुद को मारी थी गोली