First Barrage on Narmada: मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कही जाने वाली और देश की सबसे लंबी पश्चिम की ओर बहने वाली नर्मदा नदी पर बांध बनाने का काम शुरू हो चुका है। आपको बता दें कि नर्मदा नदी अमरकंटक मध्यप्रदेश से निकलती है और भरूच गुजरात में जाकर खम्भात की खाड़ी में गिर जाती है। आइए हम आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं।
इस जगह बन रहा बांध
नर्मदा नदी पर यह बांध नर्मदा के हृदय स्थल हरदा जिले के हंडिया में स्थित नाभिकुंड भमौरी गांव में देवास और हरदा जिले के बीच बनाया जा रहा है। आपको बता दें कि अभी बांध के गेट के बॉटम तक की हाइट पर सीसी दीवार खड़ी की जा चुकी है यानी करीब 2.5 मीटर ऊंची दीवार बनकर तैयार हो गई है। अभी प्रदेश में भारी बारिश के चलते काम बांध बनाने का काम बंद है। बारिश बंद होते ही गेट लगाने का काम शुरू हो जाएगा।
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इतनी आएगी बांध की लागत (First Barrage on Narmada)
आपको बता दें कि 1193 करोड़ रुपए की लागत से इस बांध का काम पूरा किया जाएगा। इसका काम तीन चरणों में पूरा होगा। इस बांध की लंबाई 2913 मीटर होने वाली है। इसमें से सिंचाई के लिए प्रेशर पाइप लाइन नहर बनाई जाएगी।
इससे देवास जिले के खातेगांव तहसील के 72 गांवों की 35 हजार हेक्टेयर जमीन में सिंचाई कि जाएगी। आपको बता दें कि इस बांध से 25 मेगावॉट बिजली का उत्पादन भी किया जाएगा। एनवीडीए के सब इंजीनियर ने जानकारी दी है कि बैराज के गेट के बॉटम तक काम हो गया है।
50 किमी तक पानी स्टोर होगा (First Barrage on Narmada)
हरदा जिले के हंडिया के पास भमोरी में नर्मदा नदी पर बन रहा बांध 23 मीटर ऊंचा होगा। इस बांध में 31 गेट लगेंगे। इसमें से प्रत्येक गेट की ऊंचाई 15 मीटर व चौड़ाई 8 मीटर होगी। इसमें 140.9 एमसीएम पानी स्टोरेज किया जाएगा। इसके चलते नर्मदा में नर्मदापुरम की ओर 50 किमी तक पानी ही पानी देखने को मिलेगा। इस बांध के बनने के बाद 3 जिलों हरदा, देवास व सीहोर की 200 हेक्टेयर जमीन डूबेगी। इसी के साथ इसमें हरदा जिले की 36 हेक्टेयर जमीन शामिल है।
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