नई दिल्ली। India’s first cable-stayed rail bridge : भारतीय इंजीनियरों द्वारा कारीगरी की मिसाल पेश करते हुए चिनाब रेलवे ब्रिज के बाद एक और नया कीर्तीमान स्थापित किया जा रहा है। एक ऐसे रेलवे ब्रिज का निर्माण जारी है, जिसका विस्फोट के साथ ही भूकंप भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता। यह देश का पहला रेलवे केबल-ब्रिज है, जिसे अंजी खड पुल नाम दिया गया है। निर्माणाधीन यह पुल जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में बनाया जा रहा है। यहां इस पुल का निर्माण किया जाना किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा है। इसे भारतीय रेलवे की सबसे कठिन परियोजनाओं में गिना जा रहा है। पुल निर्माण हो जाने के बाद यह T2 और T3 सुरंग को जोड़ते हुए जम्मू-बारामूला लाइन से कटरा व रियासी खंड तक पहुंच बनाएगा।
Take a glimpse into the remarkable journey of the construction of Anji Khad Bridge, India’s first cable-stayed rail bridge. pic.twitter.com/H3wlqvwHSC
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) March 29, 2023
अंजी खड पुल की खासियत
– केबल-स्टे ब्रिज
– कटरा के लिए टी2-टी3 टनल को जोड़ेगा
– हिमालय की सुरम्य पहाड़ों में स्थित
– आईआईटी रुड़की, आईआईटी दिल्ली ने की विशिष्ट जांच
– सबसे कठिन परियोजनाओं में से एक
– 213 किमी प्रति घंटे की हवा का सामना कर सकेगा
– USBRL परियोजना का हिस्सा
– एफिल टॉवर से भी ऊंचा होने का दावा
– 725 मीटर लंबाई
– 473.25 मीटर हिस्सा केबल से जुड़ा
– 96 केबल का सपोर्ट
– देश का सबसे लंबा केबल-स्टे ब्रिज
– ट्रेनें 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी
– 331 मीटर ऊंचा
– जम्मू-कश्मीर में अंजी नदी पर बना
– मई 2023 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद
– जम्मू से करीब 80 किलोमीटर दूर
– इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना
– उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला-रेल लिंक का हिस्सा
– 47 में से 41 खंड पर काम पूरा
– कोंकण रेलवे कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा बनाया जा रहा
– अत्यधिक टूटी और संयुक्त चट्टानों के बीच निर्माण
– लगभग 28000 करोड़ रुपए की लागत
– भारी तूफानों से निपट सकता है
– 2016 में भारतीय रेलवे ने बनाने का फैसला किया
– भारतीय रेलवे की सबसे कठिन परियोजनाओं में से एक