हाइलाइट्स
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जाम में फंसने वालों के लिए राहत भरी खबर
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यात्रियों के लिए ये है रेलवे का बढ़िया प्लान
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रेलवे क्रॉसिंग बंद से समय होता है बर्बाद
Railway Rules: भारत देश के सभी शहर और गाँव के रेलवे फाटक (लेवल क्रॉसिंग गेट) लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। थोड़ी-थोड़ी देर में बंद होने वाले इन फाटकों की वजह से यातायात जाम, वायु प्रदूषण जैसे हालात बन रहे हैं।
सबसे अहम बात यह है कि हमारा समय रोज इन फाटकों की वजह से बर्बाद हो रहा है। सामान्यतया दिनभर में शहर के हर एक फाटक से कम से कम 41 ट्रेनें गुजरती हैं। एक ट्रेन के लिए करीब दस मिनट तक (कई जगह तो 15-20 मिनट) तक फाटक बंद रहता है।
मालगाड़ी आई और गुजर गई तो ठीक नहीं तो दो-दो घंटे तक लोग वहीं पर खड़े होने को मजबूर हो जाते हैं।ओवरब्रिज न होने से रेलवे क्रॉसिंग कुछ देर के लिए ही बंद होने से लोगों को अक्सर जाम के कारण परेशानी उठानी पड़ती है।
ये है रेलवे का प्लान
इन तमाम परेशानियों को देखते हुए भारतीय रेलवे इन रेलवे क्रॉसिंग को खत्म करने की योजना बना चुकी है। यहां पर रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) और रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) बनाने जा रही है।
रेल मंत्री ने बताया कि रेल नेटवर्क पर क्रॉसिंग को खत्म करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।
आरओबी और आरयूबी का निर्माण काम शुरू
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वर्ष 2023-24 में 1200 रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) और रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) का निर्माण किया जा रहा है। इनकी समय सीमा तय कर दी गयी है, जिससे लोगों को अधिक समय तक परेशानी न झेलनी पड़े।
उन्होंने बताया कि प्रति आरओबी और आरयूबी के निर्माण में 30 से 40 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। कोशिश की जा रही है कि ज्यादातर उन रेलवे क्रॉसिंग में आरओबी या आरयूबी का निर्माण किया जाए, जहां पर अधिक ट्रैफिक का आवागमन होता है।
टाइमर भी कर सकता है मदद
ट्रैफिक टाइमर सिग्नल लगने की स्थिति से वाहन चालकाें को पता रहेगा कि फाटक खुलने में कितनी देर है। उनके सामने दो विकल्प रहेंगे या तो वह रास्ता बदलें या अपने वाहन का इंजिन बंद कर लें।
बजट में रेलवे की तैयारी
भारतीय रेलवे की हादसों कम करने की योजना है। इस वजह से बजट में सेफ्टी पर फोकस करते हुए 1। 08 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं। इसमें ट्रैक मेंटीनेंस, सिग्नलिंग, कवच डिवाइस और लेवल क्रासिंग शामिल हैं।
बजट के अनुसार लेवल क्रासिंग 705 करोड़, आरओबी व अंडर ब्रिज के लिए 9274 करोड़ रुपए, ब्रिज, टनल और अप्रोच रोड के लिए 2137 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस तरह रेलवे क्रासिंग पर रेलवे ओवर ब्रिज, रेलवे अंडर ब्रिज और रेलवे अंडरपास बनाए जाएंगे।
यात्रियों की सेफ्टी है प्राथमिकता
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यात्रियों की सेफ्टी रेलवे की प्राथमिकता है। यही वजह है कि बजट के एक बड़े हिस्से को सेफ्टी पर खर्च किया जाएगा।