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हाइलाइट्स
रेलवे से बाइक भेजने का आसान तरीका
पार्सल और लगेज में क्या है अंतर
जानें डॉक्यूमेंट्स और पैकिंग का नियम
How to transport bike by train in india: भारतीय रेलवे (Indian Railways) लोगों के लिए सबसे किफायती और सुरक्षित विकल्प माना जाता है। सिर्फ सफर ही नहीं, बल्कि रेलवे पार्सल सर्विस (Parcel Service) से आप अपनी बाइक भी दूसरे शहर भेज सकते हैं। भोपाल से दिल्ली हो या दिल्ली से लखनऊ या लखनऊ से केरल या किसी और शहर तक, बाइक को ट्रेन से भेजने के लिए कुछ तय नियम और जरूरी दस्तावेज पूरे करना जरूरी होता है। आइए जानते हैं पूरी प्रक्रिया।
बाइक भेजने के लिए क्या हैं जरूरी डॉक्यूमेंट्स
अगर आप रेलवे पार्सल या लगेज सर्विस के जरिए बाइक भेजना चाहते हैं तो आपके पास आरसी (Registration Certificate), इंश्योरेंस पेपर और वैध पहचान पत्र होना अनिवार्य है। रेलवे ऑफिस बाइक का वजन, मॉडल और अन्य डिटेल दर्ज करने के बाद एक रसीद (Receipt) देता है। यह रसीद गंतव्य स्टेशन पर बाइक लेने के लिए जरूरी होती है।
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आपके पास Registration Certificate, इंश्योरेंस पेपर और वैध पहचान पत्र होना अनिवार्य है।[/caption]
बाइक की पैकिंग का नियम जानिए
रेलवे में बाइक को भेजने से पहले उसकी पैकिंग करना जरूरी है। स्टेशन पर पैकिंग सर्विस उपलब्ध होती है, जहां 500 से 1000 रुपए तक चार्ज लेकर कार्डबोर्ड और बोरी से बाइक को सुरक्षित किया जाता है। बाइक की पैकिंग आप खुद भी कर सकते हैं, लेकिन पेट्रोल टैंक लगभग खाली करना जरूरी है।
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अगर आप खुद ट्रेन से सफर कर रहे हैं तो बाइक को लगेज के रूप में बुक किया जा सकता है। इस स्थिति में बाइक उसी ट्रेन के पार्सल वैन में जाएगी। लेकिन अगर आप साथ यात्रा नहीं कर रहे हैं तो बाइक को पार्सल मोड में भेजना होगा। रेलवे तय समय पर इसे गंतव्य तक पहुंचा देता है।
चार्ज कितना लगता है
रेलवे में बाइक भेजने का शुल्क दूरी और वजन पर आधारित होता है। आमतौर पर 500 से 1500 रुपए तक का खर्च आता है। पेमेंट के बाद रेलवे आपको पार्सल रसीद या लगेज टिकट देता है, जिसे डिलीवरी के समय दिखाना जरूरी है।
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आमतौर पर 500 से 1500 रुपए तक का खर्च आता है।[/caption]
बाइक रिसीव कैसे करें
गंतव्य स्टेशन पहुंचने पर रिसीवर को रसीद और पहचान पत्र दिखाना होता है। वेरिफिकेशन के बाद रेलवे कर्मचारी बाइक सौंपते हैं। अगर बाइक की पैकिंग या बॉडी में नुकसान दिखे तो तुरंत स्टेशन मास्टर को शिकायत करना चाहिए। ध्यान रहे कि यदि समय पर बाइक रिसीव नहीं की गई तो 200 से 500 रुपए प्रतिदिन तक पेनाल्टी लग सकती है।
बता दें कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सुरक्षित है, लेकिन जरूरी है कि आप डॉक्यूमेंट्स और पैकिंग की तैयारी सही तरीके से करें। रेलवे का यह विकल्प लंबी दूरी में बाइक भेजने के लिए किफायती और भरोसेमंद माना जाता है।
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