Indian Railways Act: बदलते युग और स्मार्टफोन की पहुंच ने लोगों के बीच सेल्फी खींचने का क्रेज खूब बढ़ा दिया है. अब हर इंसान अपने दिनचर्या के विभिन्न यादें सेल्फी खींचकर संजोकर रखता है. इतना ही नहीं, अधिकांश युवा तो सेल्फी को अपनी सोशल मीडिया पर अपडेट करते रहते हैं.
इस सेल्फी खींचने की होड़ में लोग कई बार तो जान पर खतरा भी मोल ले लेते हैं. अगर आप भी यही शौक रखते हैं तो यह खबर आपके लिए हैं. क्योंकि भारतीय रेलवे के नियम के मुताबिक रेलवे पटरी अथवा प्लेटफार्म के किनारे सेल्फी खींचने पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगता है. इसके साथ ही छह महीने तक की जेल की सजा भी हो सकती है. आइये जानते हैं इन प्रावधानों के बारे में…
रेल अधिनियम 1989 के अंतर्गत है प्रावधान
भारत के हर रेलवे स्टेशन और रेल के लिए बिछाई गईं पटरियों के क्षेत्र में रेल अधिनियम 1989 लागू होता है. रेलवे नियमों का उल्लंघन करने वाले के लिए अधिनियम में तरह-तरह के जुर्माने और सजा का प्रावधान दिया गया है.
क्या है रेल अधिनियम 1989
रेल अधिनियम 1989 की धारा 145 और 147 जान जोखिम में डालकर सेल्फी खींचने वाले को दंडित करने का प्रावधान रखती हैं. रेल की पटरी अथवा प्लेटफॉर्म के किनारे (रेल पटरी की तरफ) सेल्फी लेना दंडनीय अपराध है.
सेल्फी खींचते हुए पकड़े जाने पर 1 हजार रुपये का जुर्माना और जुर्माने के साथ 6 महीने तक की जेल की सजा भी सुनाई जा सकती है.
भारतीय रेलवे करता रहता है सजग
रेल पटरी और प्लेटफार्म के किनारे सेल्फी न लेने के लिए रेलवे मंत्रालय और भारतीय रेलवे यात्रियों सजग करता रहता है. इसके लिए बाकायदा विज्ञापन भी जारी किये जाते हैं. सोशल मीडिया के सहारे लोगों को ऐसा न करने की सलाह भी दी जाती है.
भारतीय रेलवे प्रबंधन का कहना है कि इस तरह की सेल्फी लेने से जान जोखिम में रहती है. इसीलिए अपनी जान को जोखिम में डालकर सेल्फी लेने की कोशिश न करें. ऐसा करने पर जुर्माना और जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है.
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