नई दिल्ली। लोग आरामदायक और Indian Railway Rules अपने बजट के अनुसार सफर के लिए किसी ट्रांसपोर्ट का चयन करते हैं तो वो है रेल। Indian Railway Rules: और आपने देखा होगा कभी—कभी जल्दबाजी में ट्रेन से उतरते station master समय लोगों का कीमती सामान जैसे मोबाइल, चार्जर या बैग आदि छूट भी जाता है। पर क्या आप जानते हैं इस Indian Railway Rules: कंडीशन में रेलवे आपकी चीजों का क्या करता है। और अगर आप अपनी चीज वापस चाहते हैं तो इसके लिए क्या नियम है। शायद नहीं। ज्यादातर लोगों को नही पता होगा। तो चलिए कोशिश करते हैं इसे जानने की। साथ ही अगर भविष्य में आपका सामान खोता है तो इसके लिए आपको क्या करना होगा।
ऐसे मिलेगा छूटा सामान —
सबसे पहले होती है चैकिंग —
आपको बता दें जब भी ट्रेन अपने गंतव्य (Destination Station)यानि आखिरी पहुंचने वाले स्टेशन पर पहुंचती है तो इस दौरान रेलवे सुरक्षा बलों
यानि Railway Protection Force के एक अधिकारी के साथ स्टेशन स्टॉफ द्वारा चेकिंग की जाती है। इस चेकिंग के दौरान गाड़ी की सुरक्षा को ध्यान रखने के साथ ही यह भी देखा जाता है कि कहीं किसी यात्री का कोई जरूरी सामान सीट पर छूट न गया हो।
कहां जमा होता है सामान —
यदि चैकिंग के दौरान कोई सामान मिलता है तो उसे संबंधित स्टेशन मास्टर (Station Master) के पास जमा कर दिया जाता है। ऐसा करने से पहले गाड़ी में या स्टेशन पर मिली किसी लावारिस या फिर बिना बुक की गई वस्तु की एक रसीद बनाई जाती है। फिर इसे स्टेशन मास्टर के पास जमा करा दिया जाता है।
दर्ज होती है सामान की डिटेल —
- आरपीएफ को जो भी सामान मिलता है उस सामान को स्टेशन मास्टर के पास जमा करके उसके खाने की रसीद संपत्ति के रजिस्टर में दर्ज कर दी जाती है।
- जिसकी उसकी आधार भूत जानकारियां जैसे यहां उस सामान की डिटेल, वस्तु का नाम, वजन, अनुमानित कीमत आदि का रिकॉर्ड रखा जाता है।
- अगर कोई सूटकेस, बक्सा या संदूक मिलता है तो उस कंडीशन में रेलवे सुरक्षा बल या रेलवे पुलिस की उपस्थिति में उस सामान की लिस्ट बना कर उसकी तीन कॉपी तैयार की जाती है। जिसमें से पहली कॉपी गुम हुए सामानों के रजिस्टर में, दूसरी संदूक में और तीसरी रेलवे सुरक्षा बल के पास रहती है। इन सब फॉर्मेटीज पूरी होने के बाद संदूक को सीलबंद कर दिया जाता है।
गुम हुई चीजें लौटाने की प्रक्रिया —
अगर जिस व्यक्ति की चीजें खोती हैं। और वो स्टेशन मास्टर से संपर्क करता है तो इस कंडीशन में स्टेशन मास्टर से संतुष्ट होने पर सामान उस व्यक्ति को वापस कर दिया जाता है। साथ ही उस दावेदार के हस्ताक्षर भी रजिस्टर पर लिए जाते हैं।
मना कर सकता है स्टेशन मास्टर —
यदि स्टेशन मास्टर को ऐसा लगता है कि सामान की दावेदारी करने वाला व्यक्ति संदिग्ध है या उसका सामान नहीं है तो इस कंडीशन में सामान देने से मना कर सकता है। ये अधिकार उसके पास होता है। इस स्थिति के बाद मामला डिवीजनल कमर्शियल सुपरिटेंडेंट के पास जाता है। जहां पूरी छानबीन होने के बाद ही सामान को लौटाया जाता है।
चीज को असली मालिक तक पहुंचाने का नियम —
दूसरा नियम यह है कि स्टेशन मास्टर को खोई हुई संपत्ति को उसके असली मालिक तक पहुंचाने के लिए प्रयास करना चाहिए। किसी सामान पर नाम या पहचान की जानकारी आदि मिलने पर इसे उसके मालिक तक पहुंचाना आसान हो जाता है।
इस स्थिति में मालिक को देना होता है शुल्क —
- आपको बता दें सामान खोने के बाद इसे लॉस्ट प्रॉपर्टी आफिस lost property office in railway में भेजा जाता है।
- लेकिन अगर यहां भेजने के पहले ही सामान का मालिक उसे ले लेता है तो इस कंडीशन में मालिक को सामान सौंप दिया जाता है और उससे कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता।Station master
- सामान छूटने या खोने पर स्टेशन मासटर इसे 7 दिन तक अपने पास रखता है। यदि कोई लेने नहीं आता है तो उसे लॉस्ट प्रॉपर्टी ऑफिस में भेज दिया जाता है।