नई दिल्ली। (Indian Railways)किसानों के भारी विरोध के बाद आखिरकार 1 साल बाद केंद्र सरकार ने विवादित तीन कृषि कानून को वापिस ले लिया। कानून वापसी के लिए किसान लगातार 1 साल से देश के अलग-अलग हिस्सों में आंदोलन कर रहे थे। हालांकि, इन आदोलनों और धरना प्रदर्शन के कारण देश को आर्थिक रूप से भी भारी नुकसान पुहंचा है। भारतीय रेल (Indian Railways) भी इन धरना प्रदर्शन से अछूता नहीं था। सरकार ने लोकसभा में बताया कि धरना प्रदर्शन से रेलवे को हाल के दिनों में अलग-अलग जोन में करोड़ों का नुकसान हुआ है।
रेल मंत्री ने लोकसभा में क्या कहा?
दरअसल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि इस सला अक्टूबर के अंत तक रेलवे के नॉर्दन जोन (Northern Railway zone) में कुल 1212 धरना प्रदर्शन हुए हैं। इस वजह से रेलवे को लगभग 22,58,00000 रूपये का नुकसान हुआ है।
सिर्फ किसान आंदोलन के कारण नहीं हुआ नुसान
मालूम हो कि किसान आंदोलन (Kisan Movement) का सबसे ज्यादा प्रभाव दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में था ये तीनों स्टेट नॉर्दन जोन में ही आते हैं। इस कारण से किसान आंदोलन का प्रभाव इन इलाकों में रेलवे की आय पर भी पड़ा है और उसे भारी नुकसान हुआ है। हालांकि रेलवे ने चालू वित्त वर्ष 2021 में अक्टूबर तक हुए इस नुकसान के लिए सिर्फ किसान आंदोलन को ही जिम्मेवार नहीं माना है। रेलवे की माने तो इस अनुमानित नुकसान में अन्य संगठनों के द्वारा किए गए आंदोलन भी जिम्मेवार हैं।
कितना हुआ नुकसान?
भारतीय रेल (Indian Railways) ने जो आंकड़े जारी किए हैं उनके मुताबिक
- इस्टर्न रेलवे को 3,3400000 रूपये का नुकसान
- ईस्ट सेंट्रेल को 15111602 रूपये का नुकसान
- ईस्ट कोस्टल रेलवे को 67891824 रूपये का नुकसान
- नार्थ सेंट्रेल को 937951 रूपये का नुकसान
- नार्थ ईस्टर्न को 1407217 रूपये का नुकसान
- नार्थ वेस्टर्न को 11044256 रूपये का नुकसान
- दक्षिण रेलवे को 8263 रूपये का नुकसान
- साउथ ईस्टर्न को 26120609 रूपये का नुकसान
- साउथ ईस्ट सेंट्रल को 579185 रूपये का नुकसान हुआ है।
इस कारण से हुआ नुकसान
रेलवे ने बताया कि अलग-अलग आंदोलन की वजह से बड़ी संख्या में यात्रियों ने अपनी बुकिंग कैंसिल कराई। जिसकी वजह से रेलवे को यात्रियों का किराया वापस करना पड़ा। इसके अलावा आंदोलन की वजह से कई ट्रेनों को कैंसिल किया गया। जबकि कुछ ट्रेनों को शॉर्ट टाइम के लिए टर्मिनेट भी किया गया।
आंदोलन के बावजूद नहीं हुआ नुकसान
रेलवे ने ये भी बताया कि सेंट्रल रेलवे में 2, नार्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे में 28, साउथ सेंट्रल में 3, वेसटर्न में 7 और वेस्ट सेंट्रल में 20 बार प्रदर्शन हुआ। बावजूद इसके किसी भी ट्रेन को रद्द नहीं करना पड़ा या उनके रूट में भी बदलाव नहीं किया गया। इस कारण से इन जगहों पर कोई नुकसान नहीं हुआ ।