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Indian Railway: भारतीय रेलवे में कई तरह की ट्रेनें चलती हैं। इनमें यात्री ट्रेन के साथ-साथ मालवाहक ट्रेनें शामिल हैं। जैसे यात्री ट्रेने कई प्रकार की होती हैं, उसी प्रकार से मालवाहक ट्रेनें भी कई प्रकार की होती हैं। जैसे- बंद डिब्बे वाली मालगाड़ी, खुले डिब्बे वाली मालगाड़ी, टैंकर और कई अन्य तरह की भी मालगाड़ियां होती है। इसके अलावा आपने कुछ ऐसी पैसेंजर ट्रेनें भी देखी होंगी जिनके दरवाजे और खिड़कियां पूरी तरह से बंद होती हैं। अगर आपने ऐसे ट्रेनों को देखा होगा, तो आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर इस कोच का इस्तेमाल किस काम के लिए किया जाता है। तो,चलिए बिना देर किए आपको बताते हैं कि रेलवे इन कोच का इस्तेमाल किस काम के लिए करता है।
अर्थव्यवस्था में इनका अहम रोल है
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NMG Coach[/caption]
बता दें कि देश की अर्थव्यवस्था में इस तरह की ट्रेनों का अहम रोल है। बंद दरवाजे और खिड़कियों वाली इस यात्री ट्रेन को NMG कहा जाता है। मालूम हो कि भारतीय रेलवे में यात्रियों को सेवाएं देने वाले ICF (Integral Coach Factory) कोच की कोडल लाइफ (Codal Life) 25 साल की होती है। यानी साफ है कि एक यात्री कोच अधिकतम 25 साल ही सवाएं दे सकता है। 25 वर्ष के दौरान भी एक कोच को हर 5 या दस साल में एक बार मरम्मत और मेंटेनेंस के लिए ले जाया जाता है।
यात्री कोच को ऑटो कैरियर में बदल दिया जाता है
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जब 25 वर्ष बाद ये कोच यात्री सेवा से मुक्त हो जाते हैं, तो इन्हें ऑटो कैरियर में बदल दिया जाता है। जब इन्हें ऑटो कैरियर में बदला जाता है, तो इसका नाम NMG रेक कर दिया जाता है। NMG यानी Newly Modified Goods वैगन। इस वैगन को इस तरह से तैयार किया जाता है जिसमें कार, मिनी ट्रक और ट्रैक्टरों को आसानी से लोड और अनलोड किया जा सकता है। यूं तो कार और अन्य लाइट मोटर व्हीकल के लिए डेडिकेटेड Car Container Carrier Wagon भी चलाए जाते हैं, ये वैगन डबल डेकर होते हैं, जिनमें ऊपर और नीचे दोनों डेक में गाड़ियां रखी जाती हैं।
ऐसे बनता है NMG कोच
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एक यात्री कोच को NMG कोच में तब्दील करने के बाद उसे 5 से 10 वर्ष तक और इस्तेमाल किया जाता है। यात्री कोच को NMG कोच में तब्दील करने के लिए कोच को पूरी तरह से सील कर दिया जाता है। अंदर के सभी सीट को खोलकर हटा दिया जाता है। पंखे और लाइट को खोल दिया जाता है। साथ ही इसे और मजबूत बनाने के लिए लोहे की पट्टियों को लगाया जाता है। अब आप कहेंगे कि जब इसे पूरी तरह से सील कर दिया जाता है तो फिर इसमें सामान कैसे रखा जाता है। बता दें कि पूरी तरह से सील करने का मतलब है खिड़की और दरवाजे को लॉक कर देना। सामान रखने के लिए कोच के पिछले हिस्से में दरवाजा बनाया जाता है।
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