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PM Modi congratulated KP Sharma Oli: 72 साल के केपी शर्मा ओली को एक बार फिर नेपाल का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति रामचंद्र ने सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी ओली को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। केपी ओली शर्मा ने सोमवार को नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली है। वहीं, पड़ोसी देश नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनने पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हेंन सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दी है।
https://twitter.com/narendramodi/status/1812720763645927530
मिलकर करेंगे काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केपी शर्मा ओली को नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा ''नेपाल के प्रधान मंत्री के रूप में आपकी नियुक्ति पर। हम दोनों देशों के बीच दोस्ती के गहरे संबंधों को और मजबूत करने तथा हमारे लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को और विस्तारित करने के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं''।
राष्ट्रपति ने जारी किया था बयान
नेपाल की की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष और नेपाल के तीन बार के प्रधानमंत्री रह चुके केपी शर्मा ओली को नई गठबंधन सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया था। इसको लेकर नेपाल के राष्ट्रपति ऑफिस की तरफ से एक बयान भी जारी कर दिया गया था। राष्ट्रपति ऑफिस से किए गए इस बयान में कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के तहत राष्ट्रपति ने सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली को नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त किया है।
शुक्रवार 12 जुलाई को नेपाल के निचले सदन में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल विश्वास मत हार गए थे। जबकि इससे पहले 3 जुलाई को सीपीएन-यूएमएल ने नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया था। फिर उन्होंने दहल गठबंधन की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद नेपाल के राष्ट्रपति पौडेल ने प्रतिनिधि सभा में सभी राजनीतिक पार्टियों से नया गठबंधन बनाने और पूर्ण बहुमत रखने का आह्वान किया था। जिसपर नेपाल की मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस पार्टी के समर्थन से केपी शर्मा ओली ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था
चीन समर्थक रहे हैं नेपाली पीएम
नेपाल के नए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और भारत के बीच रिश्ते कुछ खास नहीं रहे हैं। ओली ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भारत पर यह आरोप लगाया था कि वह उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और उनकी सरकार गिराने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, ओली के कार्यकाल के दौरान ही नेपाल ने बॉर्डर एरिया को लेकर भी सख्त रुख अपनाया था।
ओली को चीन का समर्थक माना जाता है, जबकि उनके कार्यकाल के दौरान ही उनकी सरकार ने भारत के कुछ इलाकों को नेपाल के नक्शे में दर्शाया गया था। हालांकि, भारत सरकार ने इससे खारिज कर दिया था। नेपाल ने अपने नक्शे में उत्तराखंड में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा होने का दावा किया था।
वहीं, पिछले महीने भी एक ये खबर आई थी कि नेपाली नोट पर उन्होंने भारत के कुछ इलाकों को अपना बताया था, जिसपर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई थी। साथ ही ओली के कार्यकाल के दौरान ही उनकी नजदीकियां चीन के साथ खुलकर सामने आई थीं।
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