हाइलाइट्स
- नेपाल बॉर्डर पर ₹2000 के नोटों का अवैध खेल
- नोटबंदी के बाद भी मनी लॉन्ड्रिंग और धर्मांतरण
- फर्जी आईडी से पोस्ट ऑफिस में बदले जा रहे नोट
Rs 2000 Notes Exchange Case: भारत में बंद हो चुके ₹2000 के नोट एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग नहीं, बल्कि अवैध धर्मांतरण और संदिग्ध धार्मिक गतिविधियों की फंडिंग से जुड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा है।
आयकर विभाग की लखनऊ इन्वेस्टिगेशन विंग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि नेपाल सीमा से सटे जिलों में ₹2000 के नोटों को 1200 से 1600 रुपये की दर पर बदला जा रहा है। यह अवैध व्यापार बेरोकटोक चल रहा है और इसमें बेरोजगार युवाओं का उपयोग किया जा रहा है, जिन्हें नोट बदलवाने के बदले मोटा कमीशन मिलता है।
आयकर विभाग ने किया चौंकाने वाला खुलासा
फरवरी 2025 में आयकर विभाग ने रक्सौल, रुपैडीहा, और बढ़नी जैसे नेपाल सीमा के इलाकों में गुप्त छापेमारी की थी। विभाग ने कुछ निजी लोगों को ₹2000 के नोटों के साथ नेपाल भेजा और पाया कि वहां ये नोट आसानी से बदले जा रहे हैं।
इस गुप्त ऑपरेशन में पुलिस की मदद नहीं ली गई, जिससे यह संकेत मिलता है कि मामला बेहद संवेदनशील और संभावित रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
UPI ट्रांजेक्शन से जुड़ा धार्मिक फंडिंग का नेटवर्क
जांच के दौरान आयकर विभाग को यह भी पता चला कि नेपाल सीमा के आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में UPI लेनदेन हो रहे हैं। यह ट्रांजेक्शन ऐसे खातों से जुड़े हैं जो उत्तर प्रदेश और बिहार के ग्रामीण इलाकों में अवैध मस्जिदों, मदरसों और मजारों के निर्माण और धर्मांतरण अभियान से जुड़े हैं।
सबसे बड़ा खुलासा यह है कि इस पूरे नेटवर्क की फंडिंग तमिलनाडु की एक संदिग्ध धार्मिक संस्था द्वारा की जा रही है।
पोस्ट ऑफिस में बदले जा रहे नोट
₹2000 के नोट अब केवल आरबीआई कार्यालयों या डाकघरों में जमा किए जा सकते हैं, वह भी एक निश्चित सीमा (₹30,000) तक। लेकिन आयकर विभाग को आशंका है कि फर्जी पहचान पत्र के माध्यम से बड़ी मात्रा में नोट पोस्ट ऑफिसों में बदले गए हैं।
अब नेपाल सीमा पर स्थित पोस्ट ऑफिस और वहां के रिकॉर्ड आयकर विभाग की रडार पर हैं।
बेरोजगार युवाओं का हो रहा दुरुपयोग
इस पूरे रैकेट में बेरोजगार युवकों का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्हें ₹2000 के नोट लेकर नेपाल भेजा जाता है और बदले में कमीशन दिया जाता है। यह न सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग है, बल्कि युवाओं को अपराध की ओर धकेलने वाली सुनियोजित साजिश भी है।
UP School Merger: 10827 स्कूलों का विलय मामला Supreme Court पहुंचा, हाईकोर्ट ने रद्द की थी याचिका
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