Salute History Beginning Methods: भारत के साथ ही विश्वभर की सेनाओं ने सैल्यूट किए जाने की चलन है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सैल्यूट की शुरुआत कब हुई और किन तीन तरीकों से सैल्यूट किया जाता है। तो आज यहां जानते हैं सैल्यूट से जुड़ी कुछ रोकर बातें…
सैल्यूट से जुड़ी रोचक जानकारी
जब हम सैल्यूट से जुड़ी रोचक जानकारी खोजते हैं तो हमे पता चलता है कि मध्यकाल के दौरान सेनाओं में चलने वाले युद्धों से सैल्यूट की शुरुआत हुई, लेकिन तब इसका तरीका कुछ अलग था। दरअसल, राजा-महाराओं की सेना के बीचहोने वाले युद्ध के दौरान उस समय लोहे के कवच का उपयोग किया था।
कवच उठाकर किया जाता था सैल्यूट
सेना में लड़ने के लिए शामिल होने वाले लोगों के सिर पर पहनने के लिए एक खास तरह का हेलमेट (कवच) दिया जाता था। जब सैनिकों की मुलाकात आपस में होती थी तो वे सिर पर पहने हुए इस हेलमेट के लिए अपने दाहिने हाथ से ऊपर उठाते हुए एक-दूसरे के लिए अपनी पहचान कराते थे।
सैल्यूट में हथेली सामने की ओर आ जाती थी
लोहे के इस हेलमेट या कवच को दाहिने हाथ से ऊपर उठाते वक्त हाथ माथे के पास पहुंच जाता था और हथेली का हिस्सा सामने वाले सैनिक की तरफ रहता था। ऐसा मान जाता है कि हेलमेट उठाने वाली इस क्रिया ने आज के जमाने में सैल्यूट किए जाने का रूप ले लिया है।
दाहिने हाथ से सलामी क्यों देते हैं, सैल्यूट क्यों किया जाता है?
इसके साथ ही एक तथ्य यह भी सामने आता है कि सेना के सैनिकों को आपस में सम्मान दिए जाने के लिए भी दाहिने हाथ से सलामी दी जाती है या सैल्यूट किया जाता है। वहीं जब सेना के सैनिकों से मुलाकात होती है तो दाहिने हाथ को ऊपर उठाते हुए सैल्यूट कर यह बताया जाता है कि मेरे हाथ में कोई हथियार नहीं है।
भारतीय थल सेना, जल सेना और वायु सेना में सैल्यूट
भारतीय थल सेना, जल सेना और वायु सेना में सैल्यूट कैसे किया जाता है? अगर इस बात की ओर ध्यान दें तो कुछ लेखों से मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय थल सेना के अफर और जवान दाहिने हाथ से सैल्यूट करते हैं और इस दौरान अपना पंजा खुला रखते हैं।
वहीं बात करें भारतीय जल सेना सैल्यूट कैसे करती है? तो इंडियन नेवी सैल्यूट करने के दौरन 90 डिग्री का कोण बनाया जाता है। सैल्यूट करने के दौरान हथेली को सिर से 90 डिग्री के कोण पर इस तरह टिकाने के पीछे जहाज पर काम के दौरान हाथों के गंदे होने को माना जाता है।
बात की जाए कि भारतीय वायु सेना किस तरह सैल्यूट करती है? तो इंडियन एयर फोर्स ने वर्ष 2006 में सैल्यूट करने के नए तीरके लिए लागू किया है। इसके तहत इंडियन एयर फोर्स में अधिकारी और जवान एक दूसरे को कुछ इस तरह सैल्यूट करते हैं कि उनकी हथेली से 45 डिग्री का कोण बनता है।
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