India-China Clash: जहां जून 2022 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी जिसमें चीन के करीब 40 से 50 सैनिकों की मौत हो गई थी। वहीं भारत के भी 20 जवान शहीद हुए थे। अब एक बार फिर से दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प की खबर सामने आई। लेकिन इस बार यह विवाद अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई है। बताया जा रहा है कि चीन के तकरीबन 300 सैनिक भारतीय सीमा में घूसने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन एक बार फिर भारतीय जवानों ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए चीनी सैनिकों (PLA) को खदेड़ डाला।
इससे पहले जून 2020 में गलवना झड़प की यादें ताजा है। जब चीन ने एलएएसी को बदलने की कोशिश किया था। तब भी भारतीय जांबांज जवानों ने चीन को मंसूबे को नाकाम कर दिया था। हर बार मुंह की खाने के बावजूद चीन सुधरने का नाम नहीं लेता है।
क्या कहते है एक्सपर्ट
डिफेंस एक्सपर्ट प्रफुल्ल बख्शी ने कहा, “भारत सरकार को अब यह जान लेना चाहिए कि चीनियों पर अब और भरोसा नहीं किया जा सकता है। उन्हें उसी के अनुसार सेना को आदेश देना होगा। चीनियों को यह जान लेना चाहिए कि भारत पीछे नहीं हटने वाला है।” साथ ही उन्होंने कहा, “मान लीजिए कि भारतीय सैनिकों ने उन्हें नहीं रोका होता, तो चीनी वापस नहीं जाते। हमारे कमांडर ने फ्लैग मीटिंग बुलाने की पहल की। फ्लैग मीटिंग के लिए चीनी बहुत अनिच्छा से आए होंगे। मुझे लगता है कि हमें अपना रुख बदलना होगा।” बैठक चलती रहे। आप बैठक के संचालन को उच्च रैंक तक बढ़ा सकते हैं लेकिन यह तय किया जाना चाहिए कि अब पेट्रोलिंग प्वाइंट को दोनों पक्षों के लिए स्थायी नियंत्रण रेखा बनने दें।
बता दें कि चीनी लगभग 300 सैनिकों के साथ पूरी तरह से तैयार होकर आए थे, लेकिन उन्हें भारतीय पक्ष के भी अच्छी तरह से तैयार होने की उम्मीद नहीं थी। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में शुक्रवार को आमने-सामने के क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया। बताया जा रहा है कि झड़प में घायल हुए चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों से अधिक है।