नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा एवं विदेश मंत्रालय स्तर के उच्च स्तरीय India Australia 2+2 Meeting संवाद की शनिवार को शुरुआत की। इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की ओर से बढ़ते सैन्य दबाव के बीच दोनों देशों के बीच संपूर्ण रक्षा एवं सामरिक सहयोग को और बढ़ाना है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों क्रमश: मारिस पायने और पीटर डटन के साथ यहां पर आरंभिक ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता की। यह संवाद ऐसे वक्त हो रहा है जब पूरी दुनिया का ध्यान अफगानिस्तान में India Australia 2+2 Meeting हालात पर है और इस वार्ता के दौरान भी इसपर चर्चा होने की उम्मीद है।
The inaugural ‘2+2’ Ministerial level meeting between India and Australia is being held in New Delhi. pic.twitter.com/ZFfcOMIrHV
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 11, 2021
राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री डटन के साथ शुक्रवार को विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा की वहीं जयशंकर ने विदेश मंत्री पायने से ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता से ठीक पहले मुलाकात की। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने वार्ता में अफगानिस्तान में नाजुक सुरक्षा हालात पर चर्चा की और तालिबान शासित India Australia 2+2 Meeting अफगानिस्तान से आतंकवाद फैलने की आशंका से संबंधित ‘साझा चिंताओं’ के बारे में बात की।
विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय वार्ता ऐसे समय हो रही है जब India Australia 2+2 Meeting क्वाड समूह के सदस्य देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के नए सिरे से प्रयास कर रहे हैं। इस समूह में भारत और ऑस्ट्रेलिया के अलावा अमेरिका और जापान भी हैं।
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पायने ने शुक्रवार को कहा कि क्वाड ”तेजी से” और बहुत ”प्रभावी रूप से” उभरा है और India Australia 2+2 Meeting ऑस्ट्रेलिया इस क्षेत्र में एक मजबूत नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए भारत की सराहना करता है।
पायने ने हिंद-प्रशांत के समक्ष ”महत्वपूर्ण चुनौतियों” के बारे में बात की और कहा कि ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा क्षेत्र India Australia 2+2 Meeting चाहता है जहां बड़े और छोटे देशों के अधिकारों का सम्मान किया जाए तथा कोई भी ”एकल प्रभावशाली शक्ति” दूसरों के लिए परिणाम तय नहीं करे।
पिछले कुछ वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और सैन्य सहयोग बढ़ा है।पिछले साल जून में, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट India Australia 2+2 Meeting मॉरिसन के बीच एक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के दौरान साजो- समान की सैन्य ठिकानों तक पारस्परिक पहुंच के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।