Independence Day 2025: आज भारत 79वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2025) के जश्न में डूबा हुआ है। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरंगा फहराया, फिर देशवासियों को संबोधित किया। यह उनका प्रधानमंत्री के रूप में 12वां स्वतंत्रता दिवस संबोधन था। इसी आपको बतादें कि 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते (Flag Hoisting) हैं , वहीं 26 जनवरी गणतंत्र दिवस को राष्ट्रपति राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर झंडा अभिवंदन करते हैं। या कहे फैलाते (Flag Unfurling) हैं। लेकिन क्या आप इन दोनों में फर्क जानते हैं ? अगर नहीं यो चलिए जानते हैं फर्क।
15 अगस्त – Flag Hoisting (ध्वजारोहण)
15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ था। उस समय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार तिरंगे को नीचे से ऊपर खींचकर फहराया था। इस प्रक्रिया को Flag Hoisting कहते हैं। इसमें झंडा पहले नीचे रहता है और रस्सी की मदद से उसे ऊपर चढ़ाया जाता है। यह आजादी के जश्न और नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। तभी से परंपरा है कि हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा Hoist करते हैं।
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26 जनवरी – Flag Unfurling (झंडा फैलाना)
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, साथ ही देश गणतंत्र बना। इस दिन झंडा पहले से ही ऊपर बंधा होता है, बस उसे रस्सी से खोलकर लहराया जाता है। इसे Flag Unfurling कहते हैं। इस दिन झंडा नीचे से ऊपर नहीं चढ़ाया जाता। राष्ट्रपति झंडे को खोलकर फैलाते हैं, जो संविधान, लोकतंत्र और संस्थाओं के सम्मान का प्रतीक है। इस परंपरा की शुरुआत 26 जनवरी 1950 से हुई, जब भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने झंडा अनफर्ल किया।
क्यों है यह फर्क?
1950 से पहले भारत में राष्ट्रपति का पद नहीं था। संविधान लागू होने के बाद यह जिम्मेदारी राष्ट्रपति को मिली, जबकि 15 अगस्त का ध्वजारोहण शुरू से ही प्रधानमंत्री के अधिकार में रहा।
- 15 अगस्त: झंडा नीचे से ऊपर खींचकर फहराना – Flag Hoisting
- 26 जनवरी: ऊपर बंधे झंडे को खोलकर लहराना Flag Unfurling
- 15 अगस्त: आज़ादी की याद और नए युग की शुरुआत का जश्न
- 26 जनवरी: संविधान और लोकतंत्र के सम्मान का प्रतीक
- दोनों ही दिन तिरंगा शान से लहराता है, फर्क बस उसके चढ़ाने और फैलाने के तरीके में हैये भी पढ़ें : Bastar Independence Day 2025: बस्तर के इन 29 गांवों में पहली बार लहराया तिरंगा, जानें अब तक किसका था यहां राज