PM Modi GST Reform: आज यानी 15 अगस्त 2025 को लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अहम घोषणाएं कीं। जिसका असर देश के करोड़ों युवाओं और आम जनता पर सीधा पड़ेगा। PM मोदी ने युवाओं के लिए ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ की शुरुआत की है। इसके साथ ही उन्होंने दिवाली तक GST रिफॉर्म्स लाने का ऐलान किया। जिससे रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें सस्ती हो सकती हैं।
1 लाख करोड़ की रोजगार योजना
PM मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री विकसित भारत योजना की घोषणा की, पहली जॉब पर इन युवाओं को मिलेंगे ₹15 हजार…#PMModi #PMModiSpeech #Employment #IndependenceDay #IndependenceDay2025 #PMViksitBharatRozgarYojana pic.twitter.com/d7jmNZWGC7
— Bansal News Digital (@BansalNews_) August 15, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आज मैं आपके लिए खुशखबरी लेकर आया हूं। 15 अगस्त के दिन मेरे देश के युवाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना शुरू कर रहे हैं। इससे साढ़े 3 करोड़ नौजवानों को रोजगार मिलेगा। इस योजना का मकसद युवाओं को नए रोजगार और उद्यमिता के अवसर उपलब्ध कराना है। इसके तहत सरकार अलग-अलग सेक्टर्स में रोजगार पैदा करने के लिए वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण भी देगी।
दिवाली तक बड़ा GST रिफॉर्म
मोदी सरकार दिवाली पर करेगी GST कानून में सुधार, आम जरूरतों की चीजें होंगी सस्ती#PMModi #PMModiSpeech #GST #Employment pic.twitter.com/va9xgigFPA
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GST को लागू हुए 8 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने इसका रिव्यू करने और ‘ Next Generation GST Reforms’ लाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नए बदलाव से टैक्स सिस्टम आसान होगा, टैक्स स्लैब कम किए जाएंगे और रोजमर्रा के उपयोग का सामान या वस्तुएं सस्ती होंगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार 12% GST स्लैब को खत्म करने या उसमें आने वाले आइटम्स को 5% वाले स्लैब में लाने पर विचार कर रही है। इसका मतलब यह है कि टूथपेस्ट, साबुन, बर्तन, जूते, कपड़े, साइकिल, वाशिंग मशीन जैसी चीजों की कीमत कम हो सकती है।
किन आइटम्स पर लगता है 12% GST?
वर्तमान में 12% टैक्स स्लैब में रोजमर्रा और घरेलू उपयोग की कई चीजें आती हैं, जैसे –
श्रेणी | आइटम्स (12% GST) |
---|---|
व्यक्तिगत देखभाल | टूथ पाउडर, टूथपेस्ट, सैनिटरी नैपकिन, हेयर ऑयल, साबुन |
घरेलू उपकरण | छाते, सिलाई मशीन, वाटर फिल्टर/प्यूरीफायर, प्रेशर कुकर, एल्युमिनियम-स्टील बर्तन |
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण | इलेक्ट्रिक आयरन, वॉटर हीटर, वैक्यूम क्लीनर, वाशिंग मशीन |
परिवहन | साइकिल, दिव्यांगों के लिए गाड़ियां, पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन |
कपड़े व जूते | रेडीमेड कपड़े, ₹500–₹1,000 कीमत के जूते |
दवाएं व स्वास्थ्य | वैक्सीन, HIV/हेपेटाइटिस/TB के डायग्नोस्टिक किट, कुछ आयुर्वेदिक व यूनानी दवाएं |
शैक्षिक सामग्री | ज्योमेट्री बॉक्स, एक्सरसाइज बुक, ड्राइंग-कलरिंग बुक, मैप्स, ग्लोब्स |
निर्माण सामग्री | ग्लेज्ड टाइलें, रेडी-मिक्स कंक्रीट, प्री-फैब्रिकेटेड बिल्डिंग्स |
कृषि उपकरण | विभिन्न प्रकार के कृषि उपकरण |
खाद्य सामग्री | पैक्ड फूड (दूध, फ्रोजन वेजिटेबल्स) |
नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण | सोलर वॉटर हीटर |
अगर इन्हें 5% वाले स्लैब में लाया जाता है तो आम आदमी को सीधी राहत मिलेगी और मिडिल-क्लास एवं लोअर-इनकम फैमिली का खर्च कम होगा।
GST से जुड़ी 8 साल की यात्रा
GST यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स, 1 जुलाई 2017 को पूरे देश में लागू किया गया था। इससे पहले केंद्र और राज्य सरकारों के 17 अलग-अलग टैक्स और 13 तरह के उपकर हटाए गए। GST लागू होने के बाद से टैक्स सिस्टम एकीकृत और पारदर्शी बना है।
GST के चार मुख्य हिस्से हैं:
- CGST (केंद्रीय जीएसटी) – केंद्र सरकार द्वारा वसूला जाता है।
- SGST (राज्य जीएसटी) – राज्य सरकार द्वारा वसूला जाता है।
- IGST (एकीकृत जीएसटी) – अंतरराज्यीय लेनदेन और आयात पर लागू होता है।
- उपकर – विशेष वस्तुओं जैसे तंबाकू, लग्जरी आइटम्स पर लगाया जाता है।
5 साल में दोगुना हुआ टैक्स कलेक्शन
GST लागू होने के बाद से सरकार का टैक्स कलेक्शन लगातार बढ़ा है।
- 2020-21 में ग्रॉस GST कलेक्शन 11.37 लाख करोड़ रुपए था।
- 2024-25 में यह बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपए हो गया।
- यानी, 5 साल में टैक्स कलेक्शन लगभग दोगुना हो गया है।
2024-25 में हर महीने औसतन 1.84 लाख करोड़ रुपए का GST कलेक्शन हुआ, जबकि 5 साल पहले यह औसत 95,000 करोड़ रुपए था।
टैक्सपेयर्स की संख्या में भी भारी इजाफा
2017 में GST लागू होने के समय 65 लाख टैक्सपेयर्स रजिस्टर्ड थे, जो अब बढ़कर 1.51 करोड़ से ज्यादा हो गए हैं। इससे सरकार का टैक्स बेस मजबूत हुआ है और फिस्कल पोज़िशन बेहतर हुई है।
- GST कलेक्शन और अर्थव्यवस्था
- GST कलेक्शन देश की आर्थिक स्थिति का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
- ज्यादा कलेक्शन का मतलब है कि उपभोक्ता खर्च और औद्योगिक गतिविधियां मजबूत हैं।
- यह टैक्स अनुपालन और पारदर्शिता को भी दर्शाता है।
KPMG के नेशनल हेड अभिषेक जैन के मुताबिक, अब तक का सबसे ज्यादा GST कलेक्शन भारत की मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था और व्यापारिक गतिविधियों का प्रमाण है।
दिवाली का ‘टैक्स गिफ्ट’
अगर सरकार 12% स्लैब को खत्म करती है और कई जरूरी सामान 5% स्लैब में लाती है, तो इसका सीधा फायदा मिडिल-क्लास और लोअर-इनकम लोगों को मिलेगा। त्योहार के सीजन में यह राहत खरीदारी को बढ़ावा देगी और मार्केट में रौनक ला देगी।
नतीजा
पीएम मोदी की स्वतंत्रता दिवस की घोषणाएं सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी अहम हैं। रोजगार योजना युवाओं के लिए अवसर खोलेगी। GST रिफॉर्म्स आम आदमी की जेब को राहत देंगे। दोनों कदम मिलकर रोजगार, उपभोक्ता खर्च और आर्थिक विकास को गति दे सकते हैं। अब नजर दिवाली पर है, जब सरकार अपने वादे के मुताबिक GST में बड़ा बदलाव लाने वाली है।
FAQ
सवाल – दिवाली पर GST में क्या बदलाव होने वाले हैं?
जवाब – सरकार 12% GST स्लैब को खत्म करने या उसमें आने वाले आइटम्स को 5% वाले स्लैब में लाने पर विचार कर रही है। इससे रोजमर्रा की चीजें जैसे टूथपेस्ट, साबुन, कपड़े, जूते, वाशिंग मशीन, बर्तन आदि सस्ते हो सकते हैं।
सवाल – 12% GST स्लैब में कौन-कौन सी चीजें आती हैं?
जवाब – इसमें टूथपेस्ट, टूथ पाउडर, सैनिटरी नैपकिन, हेयर ऑयल, साबुन, वाशिंग मशीन, सिलाई मशीन, कृषि उपकरण, पैक्ड फूड्स, सोलर वॉटर हीटर, साइकिल, रेडीमेड कपड़े और कई घरेलू व इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल हैं।
सवाल – GST लागू होने के बाद टैक्स कलेक्शन में कितना इजाफा हुआ है?
जवाब – 2020-21 में देश का ग्रॉस GST कलेक्शन 11.37 लाख करोड़ रुपए था, जो 2024-25 में बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यानी 5 साल में यह लगभग दोगुना हो गया।
सवाल – GST का देश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ता है?
जवाब – GST कलेक्शन देश की आर्थिक स्थिति का संकेत देता है। ज्यादा कलेक्शन का मतलब है कि उपभोक्ता खर्च और औद्योगिक गतिविधियां मजबूत हैं और टैक्स अनुपालन बेहतर हुआ है।
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