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Chhattisgarh Hamar Tiranga: आजादी के 75 साल पूरे होने पर पूरे देश भर में इसका महोत्सव मनाया जा रहा है। अलग-अलग प्रदेशों में यह कार्यक्रम अलग तरीके से मनाया जा रहा है। इसी मौके पर आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के तहत छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सभी सरकारी, निजी और अनुदान प्राप्त स्कूलों में 'हमर तिरंगा' (Hamar Tiranga) कार्यक्रम 20 से 30 अगस्त 2022 तक आयोजित किए जाएंगे. इसे लेकर स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने सभी कलेक्टरों, जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मिशन समन्वयकों को स्कूलों में 'हमर तिरंगा' कार्यक्रम के आयोजन के बारे में विस्तार से जानकारियां दी हैं।
दिखाई जाएगी ये फिल्म
इस बारे में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने अपने पत्र में सभी अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि, प्रदेश में 20 अगस्त से 30 अगस्त 2022 तक 'हमर तिरंगा' कार्यक्रम के तहत स्कूलों में हर दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के साथ-साथ कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्रों को निकट के थियेटर या स्मार्ट कक्षाओं में 'गांधी' फिल्म दिखाई जाएगी. इस फिल्म के प्रदर्शन के लिए जिले में तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए हैं.
व्यवस्था दुरुस्त के करने के दिए गए निर्देश
कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि जिले में उपलब्ध सिनेमा हाल से संपर्क कर शासन की ओर से 20 से 30 अगस्त 2022 तक स्कूल की टाइमिंग के समय उचित समय देखकर कर एक शो कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं के बच्चों के लिए निःशुल्क दिखाया जाए. इसके लिए जिले में मौजूद थियेटर, जहां इन शो का प्रदर्शन किया जा सके और उनके आस-पास की शालाओं को मैपिंग करते हुए थियेटर में बैठक क्षमता के आधार पर शालाओं को इस अवधि में उनके छात्रों को शो के लिए समय पर लाने की व्यवस्था करने को लेकर निर्देशित करें. ध्यान रखें कि शालाओं से निर्धारित संख्या में बच्चे इस शो को देखने समय पर उपस्थित होने चाहिए.
बच्चो में देश भक्ति का माहौल बनाने के लिए किया जा रहा है कार्यक्रम
इसके अलावा कहा गया है कि जिले के स्कूलों के बच्चों के रोस्टर इस प्रकार से बनाए जाएं कि अधिकतम बच्चों को इस फिल्म को देखने का अवसर मिल सके. बच्चों को निर्धारित तिथि में फिल्म दिखाने लेकर जाने के संबंध में पालकों को सूचित करने के साथ-साथ उनसे सहमति और दूसरी प्रक्रिया भी पूरी करवा लें. बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएं. जिन शालाओं के आस-पास थियेटर नहीं हैं, वहां के बच्चों को यदि उस शाला में स्मार्ट कक्षाएं उपलब्ध हैं या दूसरे संसाधनों से प्रोजेक्टर आदि के माध्यम से फिल्म दिखाए जाने की सुविधा सुलभ हो तो उसका उपयोग किया जा सकता है.
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